Tuesday, February 9, 2010

कुण्डली की दुरूस्ती

लाल किताब के फरमान नं 12 के तहत कुण्डली की बनावट और दुरूस्ती की बात की गई है। इल्मे ज्योतिष के मुताबिक बनाई हुई जन्म कुण्डली के लग्न के खाना नं0 को एक का हिन्दसा देकर जब कुण्डली बन चुकी तो मालूम हो जायेगा कि लग्न से हर ग्रह कौन कौन से घर में है। इस तरह बैठे हुये ग्रहों का मुताबिक मकान कुण्डली भी बनाई और हर एक ग्रह के मुतल्लका चीजों से पड़ताल की या खून के रिश्तेदारों के हाल से सब ग्रहों का फल मिलाया। अब तमाम हालात आम उम्र और सालावार देखलें। जिस घर में कोई एक नर ग्रह भी पूरे तौर पर तसल्ली का मालूम हो, उसे उस घर में मुर्कर करके बाकी सब ग्रहों को बा-तरतीब लिख दें। अब लग्न सारणी के मुताबिक देखलें कि जन्म वक्त दर असल क्या हुआ। साथ ही इस तरह दुरूस्त किये हुये टेवे का फलादेश बोलकर देख लें कि आया गुजरा हुआ, हाल मिल गया। ग्रह स्पष्टी के लिए हर ग्रह में इसके खानावार असर की दी हुई चीज़ो का ताल्लुक भी देख लें। जब पूरी तसल्ली हो जाये तो मकान कुण्डली के मुताबिक भी अब टेवा दुरूस्त हो गया।

मिसाल के तौर पर सरकारी कालेज होशियारपुर के एक आला मुलाज़िम ने बताया कि उसका जन्म 24 फरवरी 1960 को सुबह हुआ था। जन्म वक्त का पता नही और जन्म लग्न बनाना है। पंचांग देखने पर पता चला कि उस दिन सुबह 3 बजे से 8 बजे तक तीन लग्न बने। अब देखना है कि उसका जन्म लग्न कौन सा है।

सब से पहले मंगल जो पहली कुण्डली के खाना नं0 2 में है। लाल किताब के मुताबिक पैदायश से वह खुद बड़ा भाई होगा। मगर ऐसा नही हुआ। दूसरी कुण्डली में मंगल खाना नं0 1 में है। अब छोटे बड़े भाईयों भी कोई शर्त नही। यह हाल मिल गया। कुण्डली वाले के बड़े भाई दो।

तीसरी कुण्डली में मंगल खाना नं0 12 में हैं जो बड़े भाई को ज़िन्दा न रहने देगा पर जन्म में पहले उसका बड़ा भाई ज़रूर होगा। मगर ऐसा भी नही हुआ।

अब ख्याल दूसरी कुण्डली पर ही आया। उसके बाकी ग्रहों का फल भी मिलाया गया जो मिल गया। उसी के हिसाब से कुण्डली वाले के मकान का जायजा लिया गया। मकान खुद ब खुद बनना था। हां बना बनाया मकान कुछ साल पहले खरीदा । हमसाया का मकान गिरा हुआ या कुत्तो के टट्टी फिरने की जगह की तरह बर्बाद। हां साथ वाला मकान बहुत सालों से बन्द पड़ा था या गैर आबाद है और दुसरी तरफ प्लाट खाली है। मकान का हाल भी मिल गया।

सब ग्रहों का फल और मकान का हाल मिल जाने से नतीजा यही निकला कि नं0 12 ही मुलाज़िम का सही जन्म लग्न है। इस तरह कुण्डली की बनावट को परखा जा सकता है। और अगर ज़रूरत पड़े तो दुरूस्त भी किया जा सकता है।

3 comments:

rakesh kumar said...

Respected Thakur sahib Ji,
Namaskar,
Aap ke is shubh kaam ke liye mankind aap ki abhari rahegi.Aap ji ne kudli shodhan mein jo makan ke greh me sath wale makan haal bura likha hai us ka kya adhar hai zra vistar se samjhane ki kirpalta kareinge.
With Regards,
Rakesh Kumar

rakesh kumar said...

Respected Thakur Sahib Ji,
Namaskar,
Aap ji ne kundle shudh karne bare jo makan ke sath wale ki buri halat bare likha hai us ka adhar kaun sa greh hai,plz zra vistar se samjhane ki kirpalta kareinge.
With Regards,
Rakesh Kumar

Unknown said...

Namaste Thakur sahab


me mukesh bhilwara se likha raha hu mene aapke artical pade. bhaut accha laga . me apni jindagi ke sahi makasad ko nahi pahachan raha mera meri family se samabandh jayada achhe nahi he wo sab dhan dolat ke piche bhagate he or muje dhan doloat ki baat samaj me nahi aati mera soachnae kaa tarikaa is duniya ke najariye se bilkul alag he . mere koi dusara kyaa me khud bhi kudh ko nahi samaj paa raha hu ki me kesi jindagi jiu,
me aapse kis tarike se mil sakta hu kaya esa ho sakta he ki meri lagan kundali ko me sacn kar ke bhej do or aapki fees aapke ac me jama karwa du .
mukesh.network@gmail.com
mukesh kothari
07597975709

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