कुछ दिन पहले
मैने एक
टी.वी.सीरियल देखा।
उसमें औरत
दिमागी खलल
की शिकार
है ।
जिसका मन्दा
असर परिवार
पर पड़ता
है। उसका
शौहर उसे
डाक्टर के
पास ले
जाना चाहता
है मगर
वह झगड़ा
करती है
कि उसे
हुआ क्या
है ? वह
बच्चों को
भी बेवजह
डांटती है।
रफता रफता
घर का
माहौल खराब
हो जाता
है और
सभी परेशान
हो जाते
हैं। बात
इतनी बढ़
जाती है
कि शौहर
सोचता है
वह सब
को मारके
खुदखुशी कर
ले तो
दुखों से
छुटकारा मिल
सकता है।
दरअसल परेशानी
में कोई
भी ठीक
नही सोच
पाता ।
ऐसे में
एक ही
रास्ता है,
वक्त पर
इलाज जिससे
फायदा हो
सकता है
। ऐसी
ही कुछ
कुण्डलियां जहां दिमागी खलल ज़ाहिर
होता है,
बतौर मिसाल
पेश हैं
।
कुण्डली नं0 1 वाले आदमी की बीवी ने चण्ढीगढ़ से बताया कि शौहर ढंग से काम काज नही करता । उल्टा परेशान करता है। उसका काम काज कब तक ठीक होगा ? मैने जवाब दिया कि शौहर दिमागी खलल का शिकार है। इसे काम काज की नही इलाज की ज़रूरत है। वह हैरान रह गई। तकरीबन एक महीने के बाद उसने बताया कि शादी से पहले शौहर को दवा खिलाई गई थी । कुण्डली नं0 2 वाली औरत के शौहर ने कांगड़ा से बताया कि बीवी कई साल से ठीक नही है। कई बार पूजा पाठ भी करवाये मगर फायदा नही हुआ। मैने जवाब दिया कि बीवी को पूजा पाठ की नही इलाज की ज़रूरत है । दिमागी खलल अब मरज़ बन चुका था । कुण्डली नं0 3 वाली लड़की ने दिमागी खलल की वजह से होशियारपुर में अपनी जान ही ले ली। कई महीने गुज़र गये पर घरवाले यह न समझ सके आखिर लड़की को हुआ क्या था ? उसकी मौत एक राज़ बनकर रह गई। कुण्डली नं0 4 वाले लड़के की मां ने गाज़ियाबाद से बताया कि बेटे का पढ़ाई में मन नही लगता। अगर उसे कुछ कहते हैं तो असर उल्टा होता है। मैने उसको बेटे की दिक्कत बताते हुये उसका ख्याल रखने के लिए कहा तांकि कल को कोई मुश्किल न आए। उसका उपाय भी बता दिया। अगर कल की बात का पता आज चल जाये तो आदमी उसके लिए तैयार हो जाता है। मगर ऐसे में अक्सर पता ही बाद में चलता है । हां कुण्डली से पता पहले चल सकता है । उपर दी गई कुण्डलियों को गौर से देखें तो पापी ग्रह मन्दे होकर बैठे हैं और दूसरे ग्रहों को भी खराब कर रहे हैं। ऐसे में ग्रहों का मन्दा असर आमतौर पर 18 साला उम्र से 24 साला उम्र तक ज़ाहिर होता है। नतीजा दिमागी खलल और खलल जब बिगड़ जाता है तो मरज़ बन जाता है। इससे पहले के खलल एक मरज़ बन जाये, मन्दे ग्रहों का उपाय ज़रूरी । यह उपाय लाल किताब (असली) के मुताबिक ही होगा। समझदार के लिए इशारा ही काफी।