पिछले साल रात नौ बजे के बाद फोन आया। उसने कहा ठाकुर जी से बात करनी है। मैंने कहा बोल रहा हूं उसने कहा मैं मंत्री जी का पी ए बोल रहा हूं । मंत्री जी आपसे बात करना चाहते हैं। कौन मंत्री मैंने पूछा। उसने मंत्री का नाम बताया। मैंने कहा ठीक है। फिर मंत्री जी ने बात की। उन्होंने मशवरे के लिए मुझे अपने यहां बुलाया। मैंने कहा मैं नहीं आ सकता। आप कभी इधर आए तो मेरे गरीब खाने आ जाना। तकरीबन दो महीने बाद मंत्री जी का फोन आया। उन्होंने मेरे घर का पता पूछा। मैंने बता दिया और कहा अपना लाम लश्कर मत लाना। खैर घंटे बाद मंत्री जी मेरे घर पहुंच गये।
मंत्री जी ने अपनी जन्म कुण्डली बनाकर मेरे आगे कर दी। मैंने पूछा आपने मेरा फोन नंबर कहां से लिया। वह बोले आपका नंबर कौन नहीं जानता? खैर मंत्री जी ने बताया कि पिछली बार मैं सदन में अपनी पार्टी का लीडर था चुनाव के बाद हमारी पार्टी की सरकार बनी मगर मुख्य मंत्री कोई और बन गया। उन्होंने अपना मसला मेरे आगे रख दिया। उन्होंने कहा मेरी कुण्डली में भी तीन ग्रह मुश्तर्का हैं जैसे अटल जी की कुण्डली में हैं। मगर मैं मुख्य मंत्री भी न बन पाया मैंने कहा अटल जी भी पहले मंत्री बने थे फिर कई सालों बाद जा कर प्रधान मंत्री बने थे। मगर मंत्री जी को इंतजार पसंद न था। वह जल्दी में थे। चलो मैंने उपाय बता दिया और उनको विदा कर दिया।
दो ढाई महीने बाद सियासत में हलचल हुई। मुख्य मंत्री ने इस्तीफा दे दिया और मंत्री जी मुख्य मंत्री बन गये। मैं महीना भर उनका इंतजार करता रहा मगर वह न आये न ही उनका कोई फोन आया। फिर चार पांच महीने बाद चुनाव आ गया जिसमें वह हार गये।
फरमान नंबर 6 के मुताबिक चंद महदूद हस्तियां खुदा रसीदा इंसान ही रेख में मेख लगा सकते हैं। मगर उसका भी कोई तबादला दिया गया। इस केस में ऐसा कुछ नहीं हुआ। मैं भी कई दिन बीमार रहा और मंत्री जी भी कहीं के न रहे। उनकी कुण्डली दिलचस्पी का सबब होगी।
जन्म 2. 4. 1963