Thursday, April 9, 2015

औलाद

"गुरू टेवे में जब तक उम्दा, औलाद दुखी न होती हो।
पांच पापी गुरू मन्दा टेवे, बिजली चमक आ देती हो।। ’’
कुण्डली के खाना नम्बर 5 को लाल किताब में औलाद मुस्तकबिल का ज़माना कहा गया है। औलाद का ताल्लुक, औलाद नरीना, शोहरत, औलाद का धन दौलत व किस्मत, औलाद को सुख, बचत अज़ औलाद व अपने खून का ताल्लुक, अक्ल व इल्म, तंगदस्ती वगैरह, सुभाओ गर्म खुश्क, आतिशी, औलाद के बनाये हुये मकान, मशरिक, नफसानी ताकत मुताल्लिका सूरज, आग, रूह, रौशनी, हवा, साया इन्सान, हवास नुमां, पांचो इन्द्रियां, हाज़मा, नेकी की मशहूरी, मामू का सुख, अगर बृहस्पत या सूरज के दोस्त ग्रह बैठे हांे। जंगल पहाड़ का ताल्लुक, आग का खौफ़ जब दुश्मन ग्रह हों। किस्मत की चमक, ईमानदारी, औलाद के जन्मदिन से अपने बुढ़ापे तक का ज़माना, मुस्तकबिल  होने वाला जन्म, दूसरों की मदद से पैदा करदा चीज़े मुताल्लिका औलाद। इस घर का मालिक सूरज है। बृहस्पत, सूरज, राहु, केतु जैसे हों वैसा ही फल होगा। यह सेहन है खाना नम्बर 9 का और इस सहन का मुंसिफ होगा सूरज ।
अगर खाना नम्बर 3-4 या 9 मन्दा हो तो खाना नम्बर 5 बुरा असर देगा। खाना नम्बर 6-10 की  ज़हर से बचने के लिए खाना नम्बर 5 के दुश्मन ग्रह की चीज़ पाताल में दबाने से मदद होगी। सनीचर या शुक्र या दोनो जब कभी मन्दे हों तो दोनो की हालत के मुताबिक मन्दा असर होगा। लेकिन अगर उस वक्त चन्द्र भला हो तो असर उत्तम हो जायेगा। बृहस्पत की वजह पैदा शुदा बिमारी हो तो नई औलाद के पैदा हो चुकने के बाद खतम होगी। केतु भला तो सब कुछ उम्दा होगा। राहु मन्दा होने से सब उल्ट होगा। जब तक कुण्डली में बृहस्पत उम्दा हो तो औलाद दुखी न होगी।
शादी ब्याह के बाद औलाद का होना भी ज़रूरी समझा जाता है। परिवार, समाज और दुनिया ऐसे ही चलती है। अगर औलाद न हो तो कई सवाल खड़े हो जाते हैं। मिसाल के तौर पर मियां बीवी की कुण्डलियां पेश हैं जहां शादी के बाद इतने सालों में औलाद की बात न बनी।
आदमी    जन्मः 23-3-1974   


औरत     जन्मः 23-9-1974


अब उम्र 41 साल के आस पास है। औलाद की उम्मीद भी टूट गई। मगर रब्ब दी रहमत अब भी हो सकती हैै। आदमी की कुण्डली में शुक्र उसकी औरत और औरत की कुण्डली में शक्र उसका आदमी है। बच्चा पैदा करने की ताकत मंगल, पैदावार की ज़मीन शुक्र, औलाद का फल केतु (बेटा) और फूल बुध (बेटी) है। बृहस्पत की कृपा से चन्द्र खानदानी बेल को फल फूल लगता है। लिहाज़ा बृहस्पत, चन्द्र और शुक्र के उपाय करने से औलाद का योग बन सकता है। मगर उपाय असली लाल किताब के मुताबिक ही होगा। समझदार के लिए इशारा है खुदाई दावा नही।