Thursday, October 20, 2011

दिमागी बिमारियां

दिमागी बिमारियां भी अजीब होती हैं। शुरू में तो अक्सर पता ही नही चलता। मगर जब पता चलता है तो देर हो चुकी होती है । अगर शुरू में पता चला जाए तो आसानी हो जाती है और दुख भी कम हो जाता है। ऐसी ही तीन कुण्डलियां पेश हैं।



कुण्डली नं0 1, लड़की की मां उसकी शादी के बारे में जानना चाहती थी। मैने पूछ लिया, क्या लड़की की सेहत ठीक है ? वह चुप हो गई । मैने कह दिया कि लड़की दिमागी तौर पर बिमार है । पहले इलाज़ करवा लिया जाए तो बेहतर होगा। मां ने बता दिया कि इलाज़ चल रहा है ।


कुण्डली नं0 2, लड़की ने मनपसन्द शादी 21 साला उम्र के आस पास की। साल भर में ही राहु की कृपा हो गई और लड़की ससुराल में झगड़ा करके मायके चली आई। जिसकी वज़ह से घर में परेशानी आ गई। लड़की के बाप ने मुझसे बात की। मैने कह दिया कि लड़की दिमागी तौर पर बिमार है। मैडीकल चैकअप में यह बात साफ हो गई और इलाज़ शुरू हो गया।


कुण्डली नं0 3, लड़की के बाप ने बताया कि लड़की बहुत तंग करती है। मैने कहा कि लड़की मां बाप पर भारी है। दरअसल वह दिमागी तौर पर बिमार है। इसका इलाज़ होना चाहिए। बाप ने बताया कि इलाज़ चल रहा है।

तीनों कुण्डलियाे में पापी ग्रह मन्दे होकर बैठे हैं। इसलिए बिमारी का इलाज़ ज़रूरी और पापी ग्रहों का उपाये भी कर लेना बेहतर होगा। कहीं ऐसा न हो कि ज़िन्दगी खानापूरी का नाम बनकर रह जाये।