’’ घर चलकर जो आवे दूजे, ग्रह किस्मत का बन जाता हो ।
खाली पड़ा घर 10 जब टेवे, सोया हुआ कहलाता हो ।।
कुण्डली के खाना नम्बर 2 को लाल किताब में धर्म अस्थान उम्र बुढापा कहा गया है। पैशानी पर तिलक लगाने की जगह खाना नम्बर 2 की असली जगह है। यह बृहस्पत का असल मुकाम है । चन्द्र उच्च करता है जो बृहस्पत का दोस्त है। इस घर को नीच करने वाला कोई ग्रह नही । इस घर का मालिक शुक्र है जिसे लक्ष्मी अवतार माना गया है। इस घर को सब ग्रहों ने इज्ज़त से देखा है। खुद जाती किस्मत, ससुराल का मकान व खानदान, रिश्तेदारों से पाई हुईं चीज़ें मार्फत स्त्री धन या दहेज, नफ़सानी ताकत, भूख, मोह माया, दौलत इज्ज़त शरीफाना, बुढापे में जुबानी व हवाई इश्क, बचत जाती कमाई, जन्म मरण का दरवाजा, स्त्री ताल्लुक, माता, बुआ, मासी, फूफी, बेवा या माशूका औरत वगैरह, रिश्तेदारों से दौलत, बृहस्पत या शुक्र जैसे हों वैसा ही फल होगा। तमाम ग्रह बृहस्पत के ज़ेर साया होंगे। यह सहन है खाना नम्बर 8 का और इस घर का मुन्सिफ होगा मगल बद।
खाना नम्बर 2 को हवाई ख्याल की तमाम ताकतों, राहु केतु मुश्तर्का की बैठक या मस्नूई शुक्र की जगह मानते हैं। खाना नम्बर 8 का असर जाता है खाना नम्बर 2 में और खाना नम्बर 2 देखता है खाना नम्बर 6 को । इसलिए नम्बर 2 का फैसला नम्बर 6,8 को साथ मिलाकर होगा। खाना नम्बर 2 राहु केतु की बैठक मुश्तर्का होगी जिसमें सनीचर की मौत का ताल्लुक न होगा। जिस तरह खाना नम्बर 4 ने अपनी नेकी न छोड़ी, उसी तरह खाना नम्बर 2 ने कुल दनिया से ताल्लुक न छोड़ा। खाना नम्बर 4 के खज़ाने का भेदी खाना नम्बर 2 होगा। इन दो खानों का मुश्तर्का असर किस्मत का करिश्मा हुआ जो दोनों का लबे लुबाब भी कहा जा सकता है। खाना नम्बर 4 बढ़ाता है चन्द्र को तो नम्बर 2 बढ़ाता है बृहस्पत को। खाना नम्बर 8 खाली हो तो नम्बर 2 उम्दा होगा। जब खाना नम्बर 2 खाली हो तो रूहानी असर उम्दा। अगर खाना नम्बर 9 बरसाती मौनसून हवा के उठने का समन्दर है तो खाना नम्बर 2 इस बारिश से लद्दी हुई हवा से टकरा कर बरसा लेने वाला कोहसार होगा।
इस घर में मंगल बद के जज़बी ग्रह और पापी ग्रह टेवे वाले पर मन्दा असर न देंगे बल्कि राहु भी यहां बृहस्पत के मातहत होगा। सब ग्रह खाना नम्बर 9 का फल, टेवे वाली की उम्र के आखिरी हिस्सा में देंगे। मसलन् खाना नम्बर 9 में सनीचर का फल 60 साल है जो टेवे वाले की उम्र के शुरू होने की तरफ से 60 साल बुढापे की तरफ है। लेकिन सनीचर जब खाना नम्बर 2 में हो तो इसका वही असर मौत के दिन से पीछे जन्मदिन की तरफ 60 साल होगा। इस घर के ग्रह बुढापे में हमेशा नेक फल देंगे ख्वाह वह किसी दूसरे असूलों की गिनती या चाल वगैरह से कितने ही मन्दे क्यों न हों।
खाली पड़ा घर 10 जब टेवे, सोया हुआ कहलाता हो ।।
कुण्डली के खाना नम्बर 2 को लाल किताब में धर्म अस्थान उम्र बुढापा कहा गया है। पैशानी पर तिलक लगाने की जगह खाना नम्बर 2 की असली जगह है। यह बृहस्पत का असल मुकाम है । चन्द्र उच्च करता है जो बृहस्पत का दोस्त है। इस घर को नीच करने वाला कोई ग्रह नही । इस घर का मालिक शुक्र है जिसे लक्ष्मी अवतार माना गया है। इस घर को सब ग्रहों ने इज्ज़त से देखा है। खुद जाती किस्मत, ससुराल का मकान व खानदान, रिश्तेदारों से पाई हुईं चीज़ें मार्फत स्त्री धन या दहेज, नफ़सानी ताकत, भूख, मोह माया, दौलत इज्ज़त शरीफाना, बुढापे में जुबानी व हवाई इश्क, बचत जाती कमाई, जन्म मरण का दरवाजा, स्त्री ताल्लुक, माता, बुआ, मासी, फूफी, बेवा या माशूका औरत वगैरह, रिश्तेदारों से दौलत, बृहस्पत या शुक्र जैसे हों वैसा ही फल होगा। तमाम ग्रह बृहस्पत के ज़ेर साया होंगे। यह सहन है खाना नम्बर 8 का और इस घर का मुन्सिफ होगा मगल बद।
खाना नम्बर 2 को हवाई ख्याल की तमाम ताकतों, राहु केतु मुश्तर्का की बैठक या मस्नूई शुक्र की जगह मानते हैं। खाना नम्बर 8 का असर जाता है खाना नम्बर 2 में और खाना नम्बर 2 देखता है खाना नम्बर 6 को । इसलिए नम्बर 2 का फैसला नम्बर 6,8 को साथ मिलाकर होगा। खाना नम्बर 2 राहु केतु की बैठक मुश्तर्का होगी जिसमें सनीचर की मौत का ताल्लुक न होगा। जिस तरह खाना नम्बर 4 ने अपनी नेकी न छोड़ी, उसी तरह खाना नम्बर 2 ने कुल दनिया से ताल्लुक न छोड़ा। खाना नम्बर 4 के खज़ाने का भेदी खाना नम्बर 2 होगा। इन दो खानों का मुश्तर्का असर किस्मत का करिश्मा हुआ जो दोनों का लबे लुबाब भी कहा जा सकता है। खाना नम्बर 4 बढ़ाता है चन्द्र को तो नम्बर 2 बढ़ाता है बृहस्पत को। खाना नम्बर 8 खाली हो तो नम्बर 2 उम्दा होगा। जब खाना नम्बर 2 खाली हो तो रूहानी असर उम्दा। अगर खाना नम्बर 9 बरसाती मौनसून हवा के उठने का समन्दर है तो खाना नम्बर 2 इस बारिश से लद्दी हुई हवा से टकरा कर बरसा लेने वाला कोहसार होगा।
इस घर में मंगल बद के जज़बी ग्रह और पापी ग्रह टेवे वाले पर मन्दा असर न देंगे बल्कि राहु भी यहां बृहस्पत के मातहत होगा। सब ग्रह खाना नम्बर 9 का फल, टेवे वाली की उम्र के आखिरी हिस्सा में देंगे। मसलन् खाना नम्बर 9 में सनीचर का फल 60 साल है जो टेवे वाले की उम्र के शुरू होने की तरफ से 60 साल बुढापे की तरफ है। लेकिन सनीचर जब खाना नम्बर 2 में हो तो इसका वही असर मौत के दिन से पीछे जन्मदिन की तरफ 60 साल होगा। इस घर के ग्रह बुढापे में हमेशा नेक फल देंगे ख्वाह वह किसी दूसरे असूलों की गिनती या चाल वगैरह से कितने ही मन्दे क्यों न हों।