Thursday, May 11, 2017

आरती-2

चार साल बाद दिसम्बर 2016 को जालन्धर ज्योतिष सम्मेलन में आरती से फिर मुलाकात हो गई। अब उसकी उम्र 38 साल हो गई थी। चहेरे पर पहले वाली चमक न थी। पहले वो तरक्की के बारे पूछा करती थी । अब उसने शादी के बारे में पूछा। यानि जब शादी की उम्र थी तो कैरियर का सोचती रही। अब उम्र निकल गई तो शादी के बारे सोचने लगी। नतीजा न कैरियर में कुछ खास हुआ  और न ही शादी हुई। हालांकि वह खुद भी ज्योतिष में दिलचस्पी रखती है और ज्योतिष सम्मेलनों में उठक बैठक भी करती है। मगर अपनी ग्रहचाल को समझ न पाई। ज़िन्दगी बस गुज़र हो रही है। आरती की कुण्डली शायद आपको याद हो।

     जन्मः 7-7-1978





सूरज की उम्र शुरू हुई तो उम्मीदों ने जन्म लिया। चन्द्र की उम्र आई तो उम्मीदें परवान चढ़ने लगी। शुक्र ने और हवा दे दी। बुध की उम्र में उम्मीदें बिखरने लगी। शनि की उम्र आई तो सब मन्सूबांे पर पानी फिर गया। एक खूबसूरत और पढ़ी लिखी लड़की तन्हा हो कर रह गई। ’’ मैंने चांद और सितारों की तमन्ना की थी.......। ’’ किस्मत की कहानी ग्रहों की ज़ुबानी। तफसील के लिए पहला मज़मून देखें। समझदार के लिए इशारा ही काफी और नकलचीन से बस मुआफ़ी।