Tuesday, June 7, 2011

हीरो राजेश खन्ना


'' मेरे सपनो की रानी कब आएगी तू,
बीती जाये ज़िन्दगानी कब आएगी तू ।''

चली आ तू चली आ मगर रानी ऐसी रूठी कि फिर वापिस न आई और ज़िन्दगी के 68 साल बीत गए। जी हां यह बात है गुज़रे दौर के अभिनेता राजेश खन्ना की जो बालीबुड के पहले सुपरस्टार बने। सन् 1971-1972 में इनका इतना बोलबाला था कि धर्मेन्द्र्र को छोड़कर किसी के पास कोई काम न था। सब फिल्मों में राजेश खन्ना ही हीरो थे। फिर सन् 1972-73 में खुद ही अपनी रिटायरमैन्ट की घोषणा करके सबकों चौंका दिया। आज वही सुपरस्टार पिछले 30-35 सालों से तन्हा गुमनाम ज़िन्दगी बिता रहा है। आखिर इस फिल्मी सितारे के सितारे कैसे अस्त हो गये ?


जन्म: 29-12-1942





बृहस्पति और सूर्य आमने सामने, मामूली तांबा भी सोना बन जाये। सूर्य शुक्र बुध मुश्तर्का, बुध का खाली चक्र सूर्य की मदद लेकर शुक्र को बरबाद करे । सूर्य शुक्र भी आपस में दुश्मन, शादी शुदा ज़िन्दगी खराब। चन्द्र राहु मुश्तर्का, चन्द्र ग्रहण जो बुध को भी बरबाद करे। दूसरे लफज़ों में मन्दा ज़माना और किस्मत साथ छोड़ देवे। एक ज़बरदस्त कैरियर मगर बुध की उम्र 34 सल तक पहुंचते पहुंचते खत्म हो गया और पत्नी ने भी साथ छोड़ दिया। यह सब कुछ इतनी तेज़ी से हुआ कि गुज़रा हुआ सुनहरा दौर सपना बन के रह गया। आज भी ज़िन्दगी पर ग्रहण का साया है।

'' ज़माने ने मारे जवां कैसे कैसे,
ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे।''