Monday, January 5, 2015

अटल जी

साबिक वज़ीरे आज़म अटल बिहारी वाजपेयी जी पिछले दिनों ख़बरांे में आ गये जब हकूमत ने उनके योमे पैदायश पर उनको भारत रत्न देने का ऐलान किया। अब उनकी उम्र 90 साल हो गई है। अगर देखा जाये तो उनकी कामयाबी का दौर बुढापे में आया। जब वो पहली बार सन् 1977 में वज़ीर बने तो उनकी उम्र 52 साल हो चुकी थी । फिर शादी भी नही की। हां जब वह बाद में मुल्क के वज़ीरे आज़म बने तो एक पाकिस्तानी खातून ने कशमीर के बदले उनसे निकाह करने की पेशकश की थी। खैर बात आई गई हो गई। फिर शादी की उम्र तो बहुत पहले निकल चुकी थी। ग्रहों का अजब खेल। अटल जी की कुण्डली यकीनन दिलचस्पी का सबब होगी। उनकी कुण्डली इस तरह बताई जाती हैः-

जन्म 25-12-1924
 

 वर्षफल 91 साल



समझदार के लिए इशारा ही काफी। पापी टोला केन्द्र में, तरक्की रफ्ता रफ्ता वह भी बुढ़ापे में जब सिर के बाल पूरी तरह सफेद हो चुके थे। शुक्र खाना  नम्बर 2 में चन्द्र के साथ और खाना नम्बर 7 खाली, लिहाज़ा मंगल खाना नम्बर 6 ने मंगल गीत न गाये यानि शादी न हुई। बृहस्पत सूरज बुध मुश्तर्का खाना  नम्बर 3 अमूमन राजयोग मगर बुध छुपी शरारत कर सकता है। बुध ने शरारत की जब अटल जी की पहली सरकार सन् 1996 में 13 दिन बाद गिर गई थी। बाद में सन् 1998-1999 में फिर उनकी सरकार बनी तो उसने अपना समय पूरा किया।
फिर एक  अर्से के बाद सियासत ने पासा बदला तो हकूमत ने उनकी काबिलयत और खिदमते ख़लक के मद्दे नज़र उनको भारत रत्न देने की बात कही। दर असल अटल जी को जि़न्दगी में जो मिला वह बुढ़ापे में मिला क्योंकि खाना नम्बर 2 के ग्रह अपना नेक असर आमतौर पर बुढ़ापे में देते हैं। खुदा उनकी उम्र दराज़ करे। आमीन !