ग्रहों का भी अजीब खेल है। जिससे कभी दिल मिलने को बेकरार था आज उसी से बिछुड़ने के लिए बेचैन है। जिस पर कभी जान कुर्बान करते थे आज उसी से पल्ला झाड़ रहे हैं। यह बात एक ऐसे जोड़े की है जो प्यार की खूबसूरत दुनिया से निकल कर कानून के दरवाज़े तक जा पहुंचा। इन दोनों की कुण्डलियां इस तरह हैं ।
लड़का एक बड़ी दुकान में नौकरी करता था जहां लड़की एक दिन खरीदारी करने आई। वहीं पर दोनों पहली बार मिले। फिर बाहर मिलने लगे। रफता रफता मुलाकातों का सिलसिला प्यार में बदल गया। लड़की फिर लड़के के घर तक पहुंच गई। लड़के ने भी अपने घरवालों से कह दिया कि वह उससे शादी करना चाहता है। लड़के का बाप और भाई इस शादी के हक में न थे । पर लड़का अपनी जि़दद पर अड़ा रहा। लिहाज़ा अप्रैल 2009 में दोनों ने लव मैरिज कर ली और लड़की लड़के के घर आ गई चाहे लड़के का परिवार शादी में शामिल न हुआ।
शादी के 2-3 महीने बाद प्यार का बुखार उतरने लगा। ताल्लुकात में तल्खी आने लगी। घर का माहौल भी खराब होने लगा। लड़की ने गुस्से में आकर घर छोड़ने की धमकी दे डाली। फिर दोनों घर छोड़कर परिवार से जुदा रहने लगे। हालात इतने खराब हुये कि मां बाप ने दिसम्बर 2011 में लड़के को बेदखल कर दिया।
फिर लड़के लड़की का आपस में झगड़ा होने लगा और अप्रैल 2012 में दोनो जुदा जुदा रहने लगे। फिर भी झगड़ा खत्म न हुआ और बात पुलिस थाने तक पहुंची। वहां समझौता भी हुआ लेकिन बात न बनी। आखीर लड़की ने सितम्बर 2012 में लड़के पर तलाक का मुकददमा दायर कर दिया। अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ ? जिसके लिए दोनो के ग्रहों का जायज़ा लेना होगा। समझदार के लिए इशारा ही काफी।
लड़के की कुण्डली में राहु पापी खाना नं0 7, शुक्र बुध खाना नं. 10 और मंगल बद खाना नं. 12 मे है। र्मिज़ा हल्का सारंगी भारी। लड़का गोरी चिटटी लड़की की काली ज़ुल्फों में फंस गया और घरवालों की मरज़ी के खिलाफ उससे शादी कर ली। मगर शादी का सुख कहां ? क्योंकि कुण्डली में लड़ाई झगड़ा और जुदाई या तलाक का पूरा योग है।
लड़की की कुण्डली में शुक्र चन्द्र के साथ खाना नं. 5 में रददी, बुध खाना नं. 3 में मन्दा और मंगल खाना नं. 6 में बद है। बुध का असर खाना नं. 4 धन दौलत, खाना नं. 5 औलाद, खाना नं. 9 किस्मत और खानां नं. 11 आमदन पर मन्दा । ऐसे में शादी का नतीजा भी मन्दा ही निकला। राहु खाना नं. 9 में मन्दा और खाना नं. 5 को भी मन्दा कर रहा है। लिहाज़ा शादी से कोई औलाद पैदा न हुई। अब जुदाई तो हो ही चुकी है कल को तलाक भी हो जायेगा। मिलते हैं दिल यहां मिलके बिछुड़ने को, खिलते हैं गुल यहां खिलके बिखरने को ।
लड़का एक बड़ी दुकान में नौकरी करता था जहां लड़की एक दिन खरीदारी करने आई। वहीं पर दोनों पहली बार मिले। फिर बाहर मिलने लगे। रफता रफता मुलाकातों का सिलसिला प्यार में बदल गया। लड़की फिर लड़के के घर तक पहुंच गई। लड़के ने भी अपने घरवालों से कह दिया कि वह उससे शादी करना चाहता है। लड़के का बाप और भाई इस शादी के हक में न थे । पर लड़का अपनी जि़दद पर अड़ा रहा। लिहाज़ा अप्रैल 2009 में दोनों ने लव मैरिज कर ली और लड़की लड़के के घर आ गई चाहे लड़के का परिवार शादी में शामिल न हुआ।
शादी के 2-3 महीने बाद प्यार का बुखार उतरने लगा। ताल्लुकात में तल्खी आने लगी। घर का माहौल भी खराब होने लगा। लड़की ने गुस्से में आकर घर छोड़ने की धमकी दे डाली। फिर दोनों घर छोड़कर परिवार से जुदा रहने लगे। हालात इतने खराब हुये कि मां बाप ने दिसम्बर 2011 में लड़के को बेदखल कर दिया।
फिर लड़के लड़की का आपस में झगड़ा होने लगा और अप्रैल 2012 में दोनो जुदा जुदा रहने लगे। फिर भी झगड़ा खत्म न हुआ और बात पुलिस थाने तक पहुंची। वहां समझौता भी हुआ लेकिन बात न बनी। आखीर लड़की ने सितम्बर 2012 में लड़के पर तलाक का मुकददमा दायर कर दिया। अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ ? जिसके लिए दोनो के ग्रहों का जायज़ा लेना होगा। समझदार के लिए इशारा ही काफी।
लड़के की कुण्डली में राहु पापी खाना नं0 7, शुक्र बुध खाना नं. 10 और मंगल बद खाना नं. 12 मे है। र्मिज़ा हल्का सारंगी भारी। लड़का गोरी चिटटी लड़की की काली ज़ुल्फों में फंस गया और घरवालों की मरज़ी के खिलाफ उससे शादी कर ली। मगर शादी का सुख कहां ? क्योंकि कुण्डली में लड़ाई झगड़ा और जुदाई या तलाक का पूरा योग है।
लड़की की कुण्डली में शुक्र चन्द्र के साथ खाना नं. 5 में रददी, बुध खाना नं. 3 में मन्दा और मंगल खाना नं. 6 में बद है। बुध का असर खाना नं. 4 धन दौलत, खाना नं. 5 औलाद, खाना नं. 9 किस्मत और खानां नं. 11 आमदन पर मन्दा । ऐसे में शादी का नतीजा भी मन्दा ही निकला। राहु खाना नं. 9 में मन्दा और खाना नं. 5 को भी मन्दा कर रहा है। लिहाज़ा शादी से कोई औलाद पैदा न हुई। अब जुदाई तो हो ही चुकी है कल को तलाक भी हो जायेगा। मिलते हैं दिल यहां मिलके बिछुड़ने को, खिलते हैं गुल यहां खिलके बिखरने को ।