’’दीदी तेरा देवर दीवाना, हाये राम कुडि़यों को डाले दाना।’’ मगर किसी ने दाना न खाया। यह बात है बालीवुड अदाकार सलमान खान की। अब उम्र 49 साल हो गई है। जवानी तो निकल गई पर फिर भी किसी से कम नही। सूरत, सेहत, दौलत और शौहरत सब है मगर शादी की कोई बात न बनी। हालांकि कुछ किस्से ज़रूर बने। मसलन् इनका नाम एक आलमी हसीना फिल्मी अदाकारा से जुड़ा। मगर कुछ देर बाद उसकी शादी एक बड़े अदाकार के अदाकार बेटे से हो गई। फिर इनका नाम एक और खूबसूरत अदाकारा से जुड़ा मगर वह भी कुछ देर बाद दूर हो गई। यानि आज तक नतीजा कुछ न निकला। बाप ने तो कुछ साल पहले गुज़रे दौर की एक फिल्मी रकासा से फिर शादी कर ली। मगर इनकी पहली शादी भी न हुई। पिछले दिनों सलमान जी की जो कुण्डली मेरी नज़र से गुज़री, वह इस तरह हैः-
लाल किताब के फरमान नम्बर 8 के मुताबिक गृहस्थ की चक्की खाना नम्बर 7 में चलती है और चक्की को घुमाने वाली कीली खाना नम्बर 8 में होती है। चक्की के नीचे वाला पत्थर शुक्र और ऊपर घूमने वाला पत्थर बुध होता है। शुक्र इस घर का मालिक है। शादी का योग आमतौर पर शुक्र से गिनते हैं। शुक्र खाना नम्बर 1 उठती जवानी के वक्त औरत जात गैर औरत की खूबसूरती की रंग बिरंगी दिल फरेब हुस्न व नक्श की दिलचस्प और दिलरूबा सिफतों की मीठी-मीठी जुबान से तारीफ़ करते कराते ऊँचे पुल बांध दिये और खूबसूरती जाती तकब्बुर और कामदेव की आग में जलते हुये सैंकड़ों मील चलते मगर सोये हुये निकल गये। जिसकी वजह से दिल और दिमाग पर काबू न रहा मगर शुक्र के साथ चन्द्र और मंगल भी हैं। नतीजा शुक्र और चन्द्र का झगड़ा होता रहा और मंगल ने भी मंगल गीत न गाये।
खाना नम्बर 1 में तीन ग्रह मुश्तर्का और खाना नम्बर 7 खाली। तख्त पर राजे तीन और वज़ीर एक भी नही। अब गृहस्थ की चक्की कैसे चले ? अब ग्रहों को तो बदला नही जा सकता पर ग्रहचाल को दुरूस्त करके फायदा लिया जा सकता है। यानि चन्द्र से जुदा शुक्र की पालना और बुध की दुरूस्ती से बात बन सकती है। राहु के उपाय से अदालती केसों में बचाव होगा। मगर यह उपाय असली किताब के मुताबिक ही होंगे।
जन्मः 27-12-1965
वर्षफल 50 साल
लाल किताब के फरमान नम्बर 8 के मुताबिक गृहस्थ की चक्की खाना नम्बर 7 में चलती है और चक्की को घुमाने वाली कीली खाना नम्बर 8 में होती है। चक्की के नीचे वाला पत्थर शुक्र और ऊपर घूमने वाला पत्थर बुध होता है। शुक्र इस घर का मालिक है। शादी का योग आमतौर पर शुक्र से गिनते हैं। शुक्र खाना नम्बर 1 उठती जवानी के वक्त औरत जात गैर औरत की खूबसूरती की रंग बिरंगी दिल फरेब हुस्न व नक्श की दिलचस्प और दिलरूबा सिफतों की मीठी-मीठी जुबान से तारीफ़ करते कराते ऊँचे पुल बांध दिये और खूबसूरती जाती तकब्बुर और कामदेव की आग में जलते हुये सैंकड़ों मील चलते मगर सोये हुये निकल गये। जिसकी वजह से दिल और दिमाग पर काबू न रहा मगर शुक्र के साथ चन्द्र और मंगल भी हैं। नतीजा शुक्र और चन्द्र का झगड़ा होता रहा और मंगल ने भी मंगल गीत न गाये।
खाना नम्बर 1 में तीन ग्रह मुश्तर्का और खाना नम्बर 7 खाली। तख्त पर राजे तीन और वज़ीर एक भी नही। अब गृहस्थ की चक्की कैसे चले ? अब ग्रहों को तो बदला नही जा सकता पर ग्रहचाल को दुरूस्त करके फायदा लिया जा सकता है। यानि चन्द्र से जुदा शुक्र की पालना और बुध की दुरूस्ती से बात बन सकती है। राहु के उपाय से अदालती केसों में बचाव होगा। मगर यह उपाय असली किताब के मुताबिक ही होंगे।