Monday, February 6, 2017

तैमूर

’’यह चाँद सा रौशन चेहरा, ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा, यह झील सी नीली आँखे, कोई राज़ हो इनमें गहरा, तारीफ़ करुं कया उसकी, जिसने तुम्हे बनाया...................’’
कश्मीर की कली शर्मीला टैगोर के पोते की जब पैदायश हुई तो उसका नाम तैमूर रखा गया। इस नाम से चैदवीं सदी के लड़ाकू तैमूर लंग का ख्याल आ जाता है जिसने मर्कज़ी एशिया में  कई मुल्कों को फतह करके अपनी सलतनते तैमूर कायम की थी। उसने दिल्ली की तुगलक सलतनत पर भी हमला किया था। तैमूर लंग ने इतिहास में अपना खास मुकाम बनाया। तो क्या यह लड़का भी अपने लिए कुछ खास करेगा ? यह जानने के लिए इसकी कुंडली का ज़ायजा लेना होगा। खबरों के मुताबिक पटौदी परिवार के जानशीन तैमूर का जन्म 20 दिसंबर 2016 को सुबह 7.30 बजे मुम्बई में हुआ। लिहाज़ा कुंडली इस तरह बनी।


सूरज बुध खाना न0 1 और खाना न0 7 खाली। मंगल केतु खाना न0 3 और चन्द्र राहु खाना न0 9 में। शुक्र खाना न0 2, शनि खाना न0 12 और वृहस्पत खाना न0 10 में। नतीज़ा सामने है। सब जानते हैं कि बच्चे का जन्म एक अमीर और शाही परिवार में हुआ जिसका फिल्मों में भी अच्छा खासा मुकाम है। तैमूर लंग ने पैदा होने के बाद अपने लिए सब कुछ किया था मगर तैमूर तो कुछ करके ही पैदा हुआ है। इसे कोई कमी नही। एहतियातन चँद्र ग्रहण का उपाय करते जाना मुनासिब होगा ताकि हाथी माया में नहाता रहे। तैमूर के बाप दादा ने हिन्दु औरत से शादी की थी। तो क्या तैमूर भी यह रवायत ज़ारी रखेगा ? समझदार के लिए इशारा ही काफी और नकलचीन से बस मुआफी।