Monday, January 6, 2014

लाल किताब-2

जुमला हकूक महफूज़
 बिमारी का बगैर दवाई  भी इलाज़ है, मगर मौत का कोई इलाज  नही।
 दुनियावी हिसाब किताब है, कोई दावा-ए-खुदाई नही ।
 अस्ट्रोलोजी बेसड आन पामिस्ट्री (अंग्रेज़ी में) इल्मे सामुदि्रक की बुनियाद पर चलने वाले ज्योतिष की मदद से हाथ रेखा के ज़रिए दुरूस्त की  हुई जन्म कुण्डली से जि़न्दगी के हालात देखने के लिए लाल किताब सन 1952 प्रिन्टर व पबिलशर शर्मा गिरधारी लाल साकन फरवाला डाकखाना नूरमहल, जि़ला जालन्धर नरेन्द्र प्रैस न्यू देहली जी हां, यह इबारत लाल किताब के पहले सफे पर उर्दू में लिखी हुई  है।
किताब पर कीमत का कोई  जि़क्र नही मगर अंग्रेज़ी में फार प्राइवेट सरकुलेशन लिखा हुआ है।
ज़ाहिर है कि गिनती की किताबें छपी जो आज कुछ लोगों के पास महफूज़ हैं। किताबों का पूरा सैट तो किसी किसी के पास होगा। कुछ घरों में लाल किताब बतौर शो पीस ही पड़ी है। क्योंकि वहां न तो किसी को उर्दू आता है और न ही किसी को ज्योतिष में शौक है।

शुरू  शुरू में कुछ लोगों ने पैसे की खातिर लाल किताब की फोटो कापियां बनवाकर बेचीं। इससे खास फायदा न हुआ क्योंकि  उर्दू जानने वाले लोग बहुत कम थे और जो हैं वो भी वक्त के साथ साथ खतम हो रहे हैं। पुरानी बात है एक सज्जन ने मुझसे लाल किताब मांगी थी। वह इसका हिन्दी में बदलाव करवाना चाहता था। मैने मुआफ़ी मांगते हुये उसको फोटो कापी के बारे में बताया। खैर वह फोटो कापी खरीद लाया । फिर उसने एक बूढ़े और एक लड़के को काम पर लगा दिया। यानि बूढ़ा उर्दू पढ़ने लगा और लड़का हिन्दी में लिखने लगा। कुछ महीने बाद हिन्दी में लिखे हुये कुछ कागज़ मुझे दिखाये गये। जब मैने गलितयों के बारे बताया तो उस सज्जन का मन इतना खराब हुआ कि उसने आगे का काम रूकवा दिया। खर्चा भी हुआ पर बात फिर भी न बनी। दरअसल बूढ़े को ज्योतिष नही आता था और लड़के को ज्योतिष और उर्दू दोनो नही आते थे। यही वजह रही कि गल् ती पर गल्ती होती गर्इ।

 फिर किसी ने लाल किताब का हिन्दी में उल्टा सीधा तर्जमा करके छपवा दिया। इससे उसको तो फायदा हुआ होगा मगर लाल किताब की मिटटी खराब हो गर्इ। खैर उस सज्जन ने नकली किताब खरीद ली । वह कुछ महीनों में किताब का माहिर बन बैठा और बड़े बड़े दावे करने लगा। फिर और भी नकली किताबें बाज़ार में आ गर्इ। हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर नकली किताब तैयार करने कराने वालों को उर्दू नही आता। 

आजकल हर महीने किसी न किसी शहर ज्योतिष सम्मेलन होता रहता है। उनमें ज्योतिषी भाई  बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। नकली किताबों वाले अपनी काबालियत की ढीगें मारते हैं। कई बार तो आपस में गल्त बहस करते हैं । जिसे सुनकर हंसी आती है। फिर पराशरी वालों को भी लाल किताब पर हंसने का मौका मिल जाता है। ऐसा नकली किताबों की वजह से होता है। चलो बातें तो बहुत हो गर्इं। अब सवाल यह है कि मसला कैसे हल किया जाये। पहला तरीका........उर्दू सीखा जाये। लाल किताब हासिल की जाये। अगर न मिले तो उसकी फोटो कापी ले ली जाये। उसको पढ़ा और समझा जाये। फिर लाल किताब की बात की जाये। कुछ लोगों ने ऐसा किया है। दूसरा तरीका........कोई  ऐसा आदमी जिसे उर्दू आता हो और लाल किताब को भी समझता हो, वह किताब को हुबहू हिन्दुस्तानी में लिखवा दे तो बात बन जाये। अब पता नही यह कब हो, हो या न हो। दोनो ही तरीकों में वक्त और मेहनत की ज़रूरत है। मगर वक्त की कमी है और मेहनत भी कौन करे । तो फिर क्या करें ? दोनो तरफ मुशिकल है। अब कौन सिर खपार्इ करे। नकली किताब ही चलेगी। ज्यादातर लोग नकली किताब ही तो पढ़ते हैं। वैसे भी अपने मुल्क में नकल से काम चलता है। असली किताब न चल्ले, नकली किताब बल्ले बल्ले।

Tuesday, December 10, 2013

आज का कौटिल्य

पिछले दिनों हरियाणा सूबे का एक 6 साला बालक अपने तेज़ दिमाग की वजह से खबरों में चर्चा का मौज़ू बना। वह अपनी उम्र के बालकों से बहुत आगे है। इतनी कम उम्र में उसके पास देश विदेश की बहुत सी जानकारियों का इतना बड़ा ज़खीरा, जिसे देखकर लोग अपने दांतों तले उंगली दबा लें। सूबे की सरकार ने उसे मान सम्मान और धन दौलत से नवाज़ा है। इस बालक का नाम है कौटिल्य । अब वह पिछले दौर के कौटिल्य की तरह सिर पर चोटी रखने लगा है। यह कोर्इ आम बालक नही है। इसकी कुण्डली यकीनन दिलचस्पी का सबब होगी।
   
                     
राहु खाना नं0 2 गुरू के घर, उसके हुक्म के जेर साया। किस्मत दोरंगी मानिंद पंगूड़ा ऊपर नीचे चलती हुर्इ। मिटटी सोना और सोना मिटटी दोनों ही ढंग का हाल। चन्द्र मंगल मुश्तर्का खाना नं0 6 उत्तम लक्ष्मी, माया दौलत होवे या दोस्तों की पूरी मदद। राजयोग या राज दरबार का उत्तम फल । आलिम, अक्लमन्द दर्जा कमाल, अक्ल का धनी मुतालका दुनिया से मदद। शनि केतु मुश्तर्का खाना नं0 8 इस्तकलाल, दोनो उत्तम और लम्बी उम्र। दिमागी खाना नं0 14 तकब्बुर खुदपसन्दी का मालिक। शुक्र खाना नं0 10 उम्दा फल।मिर्ज़ा हल्का सारंगी भारी। कामदेव से पूरी भरी हुई और मद्ध पर आई हुई औरत।

बृहस्पत सूरज बुध मुश्तर्का खाना नं0 12 अमूनन राजयोग, उत्तम फल। घर में गंगा, माया लक्ष्मी पांव पकड़े। जागीरों का मालिक ब्रहम ज्ञानी। इज्ज़त, दौलत और शोहरत का साथ। मगर बुध का कोर्इ भरोसा नही।

कुल मिलाकर ग्रहों का अनोखा खेल। समझदार के लिए इशारा ही काफी। ज्यादातर ग्रह खाना नं0 8, 2, 6, और 12 में हैं। जो एक दूसरे से मिलते मिलाते हुये बहुत कुछ कह रहे हैं। बहुत से दिमागी खाने जाग रहे हैं। लिहाज़ा दिमाग इतना तेज़ कि सामने वाला दंग रह जाये। छोटी उम्र में ही ज्ञान की गंगा और माया के दरिया में नहाये। इज्ज़त, दौलत और शोहरत का साथ मिले। किस्सा कोताह इस बालक को वंडर ब्वाय कहा जा सकता है।

इतना सब होने के बावजूद कुण्डली पर राहु का साया है और बुध भी शक्की है। जिसका मन्दा असर ग्रहों की उम्र के हिसाब से हो सकता है। खासकर जब बुध की अशिया का साथ हो जावे तो वह छुपी शरारत कर देगा। इसलिए इनका ख्याल रखना और (असली) लाल किताब के मुताबिक उपाय करना बेहतर होगा।
 

Thursday, November 7, 2013

नारियल

जब ग्रहों के उपायों की बात होगी तो लाल किताब का नाम सबसे पहले आयेगा और जब उपायों की मुताल्लका अशियां की बात होगी तो नारियल का नाम सबसे पहले आयेगा। नारियल के पेड़ आमतौर पर समुन्द्री साहिल वाले इलाके में पाये जाते हैं। भारत के अलावा नारियल दूसरे कई मुल्कों में भी पाया जाता है। जब नारियल कच्चा होता है तो उसका रंग हरा सा और पानी से भरा होता है। जनूब भारत में नारियल पानी आम पीया जाता है। जब पक जाता है तो इसका रंग भूरा सा और अन्दर का कुछ पानी गिरी में तबदील हो जाता है और जब नारियल सूख जाता है तो लक्कड़ सा बन जाता है।
आज से 25-30 साल पहले शुमाल भारत में नारियल फक्त अक्तूबर के महीने करवाचौथ के व्रत पर ही मिलता था। मगर अब यह सारा साल मिलता रहता है। नारियल का इस्तेमाल धर्म स्थान में, पूजा पाठ में, खाने पीने में और ग्रहों के उपायों में होता है । जहां तक उपाय की बात है नारियल को पापी ग्रहों से जोड़ा गया है। लिहाज़ा खानावार पापी ग्रहों के उपायों के लिए नारियल का दान देना, धर्म स्थान में रखना और नदी या दरिया में बहाना मददगार होता है। ग्रहण के वक्त नारियल चलते पानी में बहाना एक कारगर उपाय है। खासकर उनके लिये जिनकी कुण्डली में ग्रहण लगा हुआ हो। कुण्डली में सूरज और चन्द्र ग्रहण पापी ग्रहों से ही लगता है।
नारियल राहु की अशिया है। कुण्डली में अगर मंगल शनि मुश्तर्का हो तो मसनुई राहु उच्च और सूरज शनि मुश्तर्का हो मसनुई राहु नीच होगा। इसी तरह शुक्र शनि मुश्तर्का हों तो मसनुई केतु उच्च और चन्द्र शनि मुश्तर्का हों तो मसनुई केतु नीच होगा। मसनुई हालतों शनि मौजूद है। वैसे भी राहु और केतु, शनि के ऐजण्ट हैं और तीनो का पापी टोला कहा गया है। इसलिए पापी ग्रहों का उपाय नारियल से किया जाता है। परेशानी, मन्दी सेहत, आंखों की तकलीफ, जिस्मानी दर्द, रूपये पैसे की तंगी, राज दरबारी उलझन और ग्रहण की मन्दी हालत के वक्त नारियल के उपाय से फायदा लिया जा सकता है।

Friday, October 4, 2013

दिमागी खलल

कुछ दिन पहले मैने एक टी.वी.सीरियल देखा। उसमें औरत दिमागी खलल की शिकार है जिसका मन्दा असर परिवार पर पड़ता है। उसका शौहर उसे डाक्टर के पास ले जाना चाहता है मगर वह झगड़ा करती है कि उसे हुआ क्या है ? वह बच्चों को भी बेवजह डांटती है। रफता रफता घर का माहौल खराब हो जाता है और सभी परेशान हो जाते हैं। बात इतनी बढ़ जाती है कि शौहर सोचता है वह सब को मारके खुदखुशी कर ले तो दुखों से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल परेशानी में कोई भी ठीक नही सोच पाता ऐसे में एक ही रास्ता है, वक्त पर इलाज जिससे फायदा हो सकता है ऐसी ही कुछ कुण्डलियां जहां दिमागी खलल ज़ाहिर होता है, बतौर मिसाल पेश हैं  

                           

                  


कुण्डली नं0 1 वाले आदमी की बीवी ने चण्ढीगढ़ से बताया कि शौहर ढंग से काम काज नही करता उल्टा परेशान करता है। उसका काम काज कब तक ठीक होगा ? मैने जवाब दिया कि शौहर दिमागी खलल का शिकार है। इसे काम काज की नही इलाज की ज़रूरत है। वह हैरान रह गई। तकरीबन एक महीने के बाद उसने बताया कि शादी से पहले शौहर को दवा खिलाई गई थी कुण्डली नं0 2 वाली औरत के शौहर ने कांगड़ा से बताया कि बीवी कई साल से ठीक नही है। कई बार पूजा पाठ भी करवाये मगर फायदा नही हुआ। मैने जवाब दिया कि बीवी को पूजा पाठ की नही इलाज की ज़रूरत है दिमागी खलल अब मरज़ बन चुका था कुण्डली नं0 3 वाली लड़की ने दिमागी खलल की वजह से होशियारपुर में अपनी जान ही ले ली। कई महीने गुज़र गये पर घरवाले यह समझ सके आखिर लड़की को हुआ क्या था ? उसकी मौत एक राज़ बनकर रह गई। कुण्डली नं0 4 वाले लड़के की मां ने गाज़ियाबाद से बताया कि बेटे का पढ़ाई में मन नही लगता। अगर उसे कुछ कहते हैं तो असर उल्टा होता है। मैने उसको बेटे की दिक्कत बताते हुये उसका ख्याल रखने के लिए कहा तांकि कल को कोई मुश्किल आए। उसका उपाय भी बता दिया। अगर कल की बात का पता आज चल जाये तो आदमी उसके लिए तैयार हो जाता है। मगर ऐसे में अक्सर पता ही बाद में चलता है हां कुण्डली से पता पहले चल सकता है उपर दी गई कुण्डलियों को गौर से देखें तो पापी ग्रह मन्दे होकर बैठे हैं और दूसरे ग्रहों को भी खराब कर रहे हैं। ऐसे में ग्रहों का मन्दा असर आमतौर पर 18 साला उम्र से 24 साला उम्र तक ज़ाहिर होता है। नतीजा दिमागी खलल और खलल जब बिगड़ जाता है तो मरज़ बन जाता है। इससे पहले के खलल एक मरज़ बन जाये, मन्दे ग्रहों का उपाय ज़रूरी यह उपाय लाल किताब (असली) के मुताबिक ही होगा। समझदार के लिए इशारा ही काफी। 



Monday, September 9, 2013

राज कौर

हर कुण्डली में अक्सर कोई न कोई बात सीखने को मिलती है। पेश है ऐसी ही कुण्डली एक खूबसूरत लड़की की जो पढ़ी लिखी और सरकारी मुलाज़िम है मगर शादी में देरी हो गई।

           जन्म: 8.9.1978                         वर्षफल 35 साल


                
                                                             

            राज कौर जब मुझे पहली बार मिली तो उसकी उम्र 31साल थी। सवाल था शादी का। कुण्डली देखकर मैने उसको बताया कि बुध रूकावट डाल रहा है। उसका उपाय कर लिया जायेतो बात बन जायेगी पर बात आई गई हो गई।
            पिछले महीने राज फिर मुझे से मिली। सवाल वही था शादी का । पुरानी बातें ताज़ा हो गईं। उसने बताया कि कई उल्टे सीधे उपायों में रूपया पैसा और वक्त बर्बाद किया पर नतीजा कुछ न निकला बल्कि परेशानी ही हुई। उम्र भी 34-35 साल हो गई। अब बुध का उपाय कर लिया है। उसकी मां ने बताया कि उसे तो फिक्र में ठीक तरह नींद नही आती। थोड़े फर्क पर राज की दो छोटी बहने भी हैं। यानि राज की शादी एक मसला बन गई। खैर मैने तसल्ली देते हुए शुक्र का उपाय करने के लिए कहा।
            राज की कुण्डली पर नज़र डालें तो बुध खाना नं0 11 में है। 34 साला उम्र तक रूकावट जो अब दूर हो गई । बुध का उपाय भी कर लिया। अब रहा शुक्र जो खाना नं0 1 में चन्द्र के साथ मन्दा हो रहा है । चन्द्र शुक्र मुश्तर्का यानि दूध में दही, तो क्या बना ? दोनो खराब हो गए । दुरूस्ती के लिए इनका उपाय ज़रूरी । चन्द्र को 42 दिन शुक्र से जुदा किया जाये तो मंगल से मंगल गीतों की उम्मीद की जा सकती है और चन्द्र की बेल चल सकती है। समझदार के लिए इशारा ही काफी। यह उपाय असली लाल किताब के मुताबिक ही होगा।


Monday, August 12, 2013

सवाल

क्या मां कई सालों से बिमार है ?
हां ! उसकी दवा पर काफी खर्च होता है ।
क्या परिवार की रोज़ी रोटी सनीचर के किसी काम काज से चलती है ?
हां, जूतों का कारोबार है ।
क्या भाई है ?
हां, है ।
क्या अभी शादी नही हुई ?
हां, नही हुई ।

यह बातें नीचे दी गई कुण्डली से ताल्लुक रखती हैं।



समझदार के लिए इशारा ही काफी । कुण्डली में चन्द्र ग्रहण है जिसका मन्दा असर मां पर ज़ाहिर है। बाद में असर खुद पर होगा। बुध की नीयत ठीक नहीं। इसका असर खाना नं0 3,4,5,9 और 11 पर है। ऐसे में अच्छे की उम्मीद कम होगी। मंगल नेक नही है। कुण्डली वाले का बड़ा भाई शादीशुदा है। उसकी औरत रूठकर कई सालों से अपने मायके रहती है। खुद कुण्डली वाला नेक है मगर हालात नेक नही। जिसके लिए बुध का उपाय मददगार होगा। ग्रहण के उपाये से मां को आराम मिलेगा और खुद भी चैन पायेगा। मंगल को नेक करना होगा। फिर कहीं शादी की बात बनेगी।

Tuesday, July 9, 2013

मोदी

गुजरात के तीसरी बार बने मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी आजकल खबरों में हैं। हाल ही में पार्टी ने उनको चुनाव प्रचार कमेटी का सदर बनाया । जिसे लोगों ने उनको प्रधानमन्त्री का उम्मीदवार समझ लिया। लिहाज़ा पार्टी के कुछ नेता नाराज़ भी हुये। अडवानी जी ने तो अस्तीफा ही दे दिया पर बात न बनी क्योंकि अस्तीफा वापिस लेना पड़ा। तो क्या मोदी जी के सितारे बुलन्द हैं ? जिसके लिए उनकी जन्म कुण्डली का जायज़ा लेना होगा। उनकी कुण्डली इस तरह बताई जाती है।




समझदार के लिए इशारा ही काफी । कुण्डली के केन्द्र खाली । अपने लिये सब कुछ खुद ही करना पड़े। चन्द्र मंगल मुश्तर्का खाना नं0 2 और खाना नं0 8 खाली, दूध में शहद की तरह नेक असर। बृहस्पत खाना नं0 5 और उसके दोस्त ग्रह खाना नं0 2 और खाना नं0 12 में मदद पर । शुक्र शनि मुश्तर्का खाना नं0 11 और खाना नं0 3 खाली, मस्मुई केतु उच्च और बुध खामोश। सूर्य बुध केतु मुश्तर्का खाना नं0 12 और राहु खाना नं0 6, राजयोग मगर रकीबों की तरफ से मुखालफत होती रहे। कुण्डली में हल्का सा सूर्य ग्रहण है जिसका साया राज दरबार पर होगा।

चन्द्र की उम्र 24 साल से काम काज शुरू करे। मंगल की उम्र 28 साल से आगे बढ़े। राहु की उम्र 42 साल से अपने लिये खास मुकाम बना ले। 50 साला उम्र से बृहस्पत खड़ा हो जावे। इसी दौरान मोदी जी पहली बार सूबे के मुख्यमन्त्री बने।कुल मिलाकर राज दरबार या परिवार । राज दरबार तो है शायद परिवार नहीं ।

अगले साल लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। अब सवाल यह है कि क्या मोदी जी मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म बनेंगे ? उम्मीद तो है मगर बुध खाना नं0 12 का कोई भरोसा नही। अडवानी जी की कुण्डली में भी बुध खाना नं0 12 में है जिसने उनको प्रधानमन्त्री नहीं बनने दिया। इसलिए बुध का उपाय कर लेना ही बेहतर है। आमीन ।