Tuesday, August 11, 2015

शादी ब्याह

पढ़ लिखकर लड़का जब कामकाज पर लग जाता है तो मां बाप उसकी शादी के बारे में सोचने लगते हैं। लड़का भी अपनी सपनो की रानी का इन्तज़ार करने लगता है। मां को भी बहू का चाव होता है। मगर जब बहू आकर थोड़े अर्से में ही लड़के की खटिया खड़ी कर देती है तो सपनो की रानी अक्सर गम की कहानी बन जाती है। फिर, टूटे हुये ख्वाबों ने हमको यह सिखाया है, दिल ने जिसे पाया था आंखो ने गंवाया है या फिर कोई मुझ से पूछे कि तुम मेरे क्या हो, वफा जिसने लूटी वो ही बेवफा हो। ऐसा ही कुछ कुण्डली नम्बर 1 वाले लड़के के साथ हुआ।
   








पिछले साल लड़के के बाप ने बताया कि उसने बेटे की शादी बड़ी धूमधाम से की थी। मगर सब गड़बड़ हो गया। बात बिगड़ती बिगड़ती अदालत तक पहुंच गई। अब इतने तंग हो गये कि पीछा छुड़ाना चाहते हैं।  पर लड़की वाले तलाक के लिए मोटी रकम मांग रहे हैं। जिससे मेरा तो दीवाला ही निकल जायेगा। आपके बारे में पता चला तो आपके पास आया हूं। मैने कहा चलो शनि की अदालत में अपील कर देते हैं। देखते हैं फिर क्या होता है? उसने कहा कि फैसला तो अभी हुआ नही तो अपील कैसी ? मैने उसको बताया कि मैं दुनियावी अदालत की बात नही कर रहा । यह ग्रहों के अदालत है। एक उपाय करना होगा जिस पर कोई खर्चा नही होगा। मैने उपाय बता दिया मगर उसने कहा कि वह यह उपाय नही कर सकता। मैने कहा चलो जैसे आपकी मजऱ्ी।
तकरीबन एक महीने के बाद उसने फिर मुझसे बात की। उसने कहा कि वह उपाय करने के लिए तैयार है। मैने कहा तो फिर कर लो भई। उपाय कर दिया गया। रफ्ता रफ्ता केस का रूख बदलने लगा। इस साल के शुरू में फैसला हो गया। छोटी रकम देकर उसका छुटकारा यानि तलाक हो गया। इसी दौरान मुझे किसी ने बताया कि वह आदमी खुद जोतशी है और जोतिश सिखाता भी है।
कुछ दिन पहले उसने फिर बात की। उसने बताया कि वह बेटे की दूसरी शादी करना चाहता है। मैने कहा ठीक है भई कर लो। उसने मुझे कुछ लड़कियों की कुण्डलियां (नम्बर 2 से 6) दिखाते हुये कहा कि वैसे तो इन कुण्डलियों का लड़के की कुण्डली से मिलान होता है पर मैं आपकी राय लेना चाहता हूं। मैने उन कुण्डलियों पर एक नज़र डाली और पूछ ही लिया कि क्या यह लड़कियां कुंवारी हैं ?  उसने कहा नही, सब तलाकश्ुादा हैं। मैने कहा कि आप खुद फैसला क्यों नही लेते ? आप भी तो जोतिश के विद्वान हैं। वह सोच में पड़ गया।
उसके ज़ोर डालने पर मैने कहा कि आप ने बेटे की कुण्डली पहले भी तो मिलाई थी पर नतीजा क्या निकला ? शादी ब्याह आमतौर पर सातवें घर से देखा जाता है। इन सभी कुण्डलियों में सातवें घर में गड़बड़ है। लड़के की कुण्डली में भी यही हाल है। नतीजा आपके सामने है। सभी का तलाक हुआ। शादी खाना बरर्बादी बन कर रह गई। तो उसने निराश हो कर पूछा तो फिर मैं क्या करूं ? मैने जवाब दिया कि पहले खाना नम्बर 7 की दुरूस्ती करो फिर शादी के बारे सोचना । यह दुरूस्ती (असली) लाल किताब के मुताबिक ही होगी।
कई बार मैं सोचता हूं कि क्या हर कोई डाक्टर बन सकता है ? क्या हर कोई इंजीनियर बन सकता है ? क्या हर कोई शायर बन सकता है ? क्या हर कोई जोतशी बन सकता है ? शायद नही। आज कई लोग जोतिश सिखा रहे हैं। कुछ माहिर  लाल किताब पढ़ा रहे हैं। क्या वह खुद लाल किताब पढ़ सकते हैं ?

1 comment:

Unknown said...

THAKURJI,THANKS I AM MYSELF BIGGER FAN OF YOU, I SALUTE TO YOUR KUDALI ANALYSIS EXPERTISE.

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