गांधी जी ने अपनी 45 साला उम्र के बाद ही अन्दोलन शुरू किये और मुल्क की सियासत को एक नई विचारधारा दी। बृहस्पति की वजह से घर परिवार की बजाय आश्रम में रहने लगे और धर्मी हो गये। शुक्र की वजह से अक्सर औरतों से घिरे रहते थे, जैसे सरला देवी, मीरा बेन, सुशीला नैयर, आभा, मनी गांधी वगैरह - वगैरह । कहा जाता है कि सरला देवी पर तो गांधी जी कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गये थे और उनको भी गांधी जी में गहरी दिलचस्पी हो गई थी। दरअसल इस महान आदमी की ज़िन्दगी के कई पहलू थे जैसा कि कुण्डली में नज़र आता है।
जब गांधी जी की मौत हुई तो उनको 79वां साल चल रहा था। वर्षफल में चन्द्र ग्रहण के इलावा सूरज ग्रहण भी लग गया और राहु के हाथी ने मंगल के महावत को ज़मीन पर पटक दिया। लिहाज़ा पिस्तौल की गोली (राहु) का निशान बन गये। मरते वक्त बापू ने कहा राम ! राम ! राम ।
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