’’ग्रह 10वे का घर 10 शक्की, दुगनी ताकत का हेाता हो ;
आंख बना है घर दो जिसकी, ख्वाब 12 से लेता हो ।’’
कुण्डली के खाना नम्बर 10 को लाल किताब में किस्मत की बुनियाद का मैदान कहा गया है। अगर खाना नम्बर 10 रद्दी ग्रहोें से रद्दी हो रहा हो तो टेवा अन्धे ग्रहों का होगा। ख्वाह तमाम ग्रह उच्च घरों के हों पर अन्धे की तरह अपना फल देंगे। यह सहन है नम्बर 4 का और इसका मुन्सिफ होगा चन्द्र।
इस घर बमुजिब वर्षफल आया हुआ ग्रह धोखे का ग्रह होगा जो अच्छा बुरा दोनों ही तरफ हो सकता है। नम्बर 8 मन्दा हो तो दुगना मन्दा और नम्बर 2 नेक हो तो दुगना उम्दा होगा। अगर दोनों तरफ बराबर तो अच्छा असर पहले और बुरा असर बाद में होगा। अगर नम्बर 8 व 2 दोनों ही खाली हों तो नम्बर 3, 5, 11 के ग्रह मददगार होंगे। अगर वह भी खाली हों तो फैसला सनीचर की हालत पर होगा। जब नम्बर 10 में बाहम लड़ने वाले कोई भी ग्रह बैठे हों तो वह टेवा अन्धे ग्रहों का होगा। यानि वह ग्रह हूबहू ऐसे ही ढंग पर असर देंगे, जिस तरह दुनिया में अन्धा प्राणी चलता फिरता है। ऐसी हालत में फैसला चन्द्र की हालत पर होगा। यानि अगर चन्द्र उम्दा तो असर उम्दा वर्ना मन्दा फल लेंगे।
अगर खाना नम्बर 10 खाली ही हो तो खाना नम्बर 4 के ग्रहों का कोई नेक फल न हो सकेगा। ख्वाह उस घर में रिज़क के चश्मे को उभारने केे लिए ग्रह लाख दर्जा ही उम्दा क्यों न हो । अपने माता पिता से मिलते रहना मदद देगा।
10 अन्धे मर्दों को इकट्ठा ही मुफ्त खुराक तकसीम करना खाना नम्बर 10 के ग्रहों की ज़हर धो सकेगा। राहु केतु बुध तीनों ही इस घर में हमेशा शक्की होंगे। जो सनीचर की हालत पर चला करते हैं। यानि अगर सनीचर उम्दा तो दो गुणा उम्दा और अगर सनीचर मन्दा तो दो गुणा मन्दा असर देंगे।
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