Sunday, December 2, 2012

आरती


दिसम्बर 2009 को जालन्धर में ज्योतिष सम्मेलन हो रहा था। वहीं किसी के ज़रिए आरती से बात हुर्इ। एक खूबसूरत लड़की जो टेलिविज़न पर ए ंकर थी। उसने अपनी कुण्डली मुझे दिखार्इ। उसका सवाल था कि जि़न्दगी में तरक्की कहां तक होगी ? उसने गले में और हाथ में माला पहन रखी थी। मैने कहा कि बुध आपकी तरक्की में कहीं रू कावट न बन जाये। शायद उसको मेरी बात अच्छी न लगी।

जुलार्इ 2011 को धर्मशाला में ज्योतिष सम्मेलन हो रहा था । सम्मेलन में 200 के करीब ज्योतिषी मौजूद थे। उनको दिए हुये विषय पर बोलने के लिए कहा गया। गिनती के आदमी ही बोलने के लिए मंच पर आये। दूसरों को सवाल पूछने के लिए भी कहा गया। मैने भी विषय पर बात की (देखें तख् ते बादशाही) जिसमें दो मिसालें थी। तीसरी मिसाल मैने आरती की जोड़ दी और कहा कि वह आप में मौजूद है। जब मैं बोल चुका तो मुझे भी रोक लिया गया तांकि दूसरे मुझसे सवाल पूछ सकें। मैने कहा कि मेरी बात लाल किताब के मुताबिक है इसलिए वही मुझसे सवाल पूछे जिसने असली लाल किताब पढ़ी हो। एक बार तो खामोशी छा गर्इ। खैर मुझसे किसी ने सवाल न पूछा।

बाद में आरती ने मुझसे बात की । पिछले एक साल से उसके पास नौकरी न थी मगर उसने फिर वही पुराना वाला तरक्की वाला पूछ लिया। मैने जवाब दिया, जो मैं कहना चाहता हूं, आप वह सुनना नही चाहती। जो आप सुनना चाहती हैं, मैं वो कहना नही चाहता। इसके साथ ही बात खतम हो गर्इ।

अक्तूबर 2012 में लुधियाना में ज्योतिष सम्मेलन हुआ। आरती से फिर मुलाकात हो गर्इ। अब उसमें कुछ फर्क आ गया था। उसके पास कोर्इ नौकरी न थी । उसने बताया कि उसने माला उतार दी है। मैने हंसी में पूछ लिया कि अब क्या पहना है । उसने जवाब दिया कि सेहत के लिए ताबीज़ पहन रखा है। मैं चुप रहा क्याेंकि बुध अब भी शरारत कर रहा था। आरती की कुण्डली इस तरह है। समझ दार के लिए इशारा ही काफी।




बृहस्पत सूर्य मुश्तर्का खाना नं. 1 मगर खाना नं. 7 खाली । तख्त पर राजे 2 पर वजीर कोर्इ नही। छोटी उम्र 22-24 साल तक शादी हो जाती तो ठीक था बाद में कोर्इ भरोसा न होगा। राहु खाना नं. 4 और केतु खाना नं. 10 नेकदिल। शुक्र, मंगल, शनि मुश्तर्का खाना नं. 3, लम्बी उम्र, दुश्मनों के मुकाबिल दोस्त भी खुद बा खुद मदद पर आ जावें। चन्द्र, बुध मुश्तर्का खाना नं. 2, पानी में रेत। क्या घर में मनिदर या पूजा स्थान बना रखा है ?

पढ़ी लिखी खूबसूरत लड़की, अच्छी नौकरी और अच्छे घर की मगर अब तक शादी न हुर्इ। बाप का साथ भी लम्बा न चला । दूसरे लफ्ज़ों में मां वक्त से पहले बेवा हो गर्इ। कुछ सालों से नौकरी भी नही है। अब बुध की उम्र निकल गर्इ है। अगर दुरूस्ती कर ली जाये तो मसला हल हो सकता है।

2 comments:

Anonymous said...

Sir,
Kindly give your email address so that we may contact you for paid consultation.
Thanks!
rajkumar

D.S.Thakur said...

I provide consultation on phone. My mobile number is mentioned in "About Me" section on top right hand side.

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