कुण्डली में 2-3 ग्रह मुश्तर्का अक्सर मिल जाते हैं मगर 5-6 ग्रह मुश्तर्का कम ही मिलते हैं। अगर कुण्डली में 5-6 ग्रह किसी खाने में मुश्तर्का हो जायें तो यकीनन दिलचस्पी का सबब होगा। ऐसे प्राणी का आम परिवार में जन्म हुआ हो तो भी हैसियत वाला बन जायेगा। ऐसी ही एक गैर मामूली कुण्डली बतौर मिसाल पेश है।
संगीता ने जब अपनी कुण्डली मेरे सामने रखी तो मेरा ध्यान खाना नं0 8 पर गया जिसमें 6 ग्रह मुश्तर्का हैं। अब उसकी उम्र 50 साल के आस पास है। मैने कहा कि घर परिवार, कोठी कार और अच्छा कारोबार, सब कुछ है । आपको कोई कमी नहीं । एक धर्मी टेवा जिसमें पापी ग्रह मन्दा असर न देंगे। उसने बताया कि सब कुछ है पर मन कभी कभी बेचैन हो जाता है। इसके लिए मैंने उसे ग्रहण का उपाय करने की सलाह दी। कुछ महीने बाद दोबारा मिलने पर उसने बताया कि उसे उपाय से काफी फायदा हुआ है।
संगीता के जन्म के बाद उसकी मां की सेहत खराब रहने लगी, जिसे ठीक होने में तकरीबन 2 साल लगे। उसकी शादी 21 साला उम्र के करीब हुई। शादी के बाद पति का काम काज बढ़ने लगा और काफी तरक्की हुई। वक्त के साथ-साथ औलाद पैदा हुई, कोठी बन गई, दो गाड़ियां भी आ गई और आराम के सब साधन कायम हो गये। यानि ग्रहों ने अपना नेक फल दिया।
ऐसा प्राणी खुद साख्ता अमीर होता है। मगर यहां तो किस्मत का तराजू तोलने वाले गैबी देवता ने भी काफी धन दौलत दिया। किस्सा कोताह, किस्मत की कहानी, ग्रहों की ज़ुबानी, आपके सामने है।
जन्म : 21-1-1962
संगीता के जन्म के बाद उसकी मां की सेहत खराब रहने लगी, जिसे ठीक होने में तकरीबन 2 साल लगे। उसकी शादी 21 साला उम्र के करीब हुई। शादी के बाद पति का काम काज बढ़ने लगा और काफी तरक्की हुई। वक्त के साथ-साथ औलाद पैदा हुई, कोठी बन गई, दो गाड़ियां भी आ गई और आराम के सब साधन कायम हो गये। यानि ग्रहों ने अपना नेक फल दिया।
ऐसा प्राणी खुद साख्ता अमीर होता है। मगर यहां तो किस्मत का तराजू तोलने वाले गैबी देवता ने भी काफी धन दौलत दिया। किस्सा कोताह, किस्मत की कहानी, ग्रहों की ज़ुबानी, आपके सामने है।
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