सूरज से राज दरबार तो शुक्र से घर परिवार। सूरज-बुध और शुक्र-बुध तो दोस्त हैं मगर सूरज-शुक्र दुश्मन हैं। तीनों कुण्डली में मुश्तर्का अमूमन मन्दा फल ही देंगे। अब बुध का खाली चक्कर सूरज की मदद लेकर शुक्र को बरबाद करेगा। गृहस्थी हालत का फैसला केतु की हालत पर होगा। अगर केतु उम्दा हो और बुध को मदद देवे तो कोई मन्दी हालत न होगी। लेकिन अगर केतु मन्दा हो तो औलाद न होगी या देर से होगी। औरत के टेवे में तीनों ग्रह मुश्तर्का किसी भी खाने में होने के वक्त लड़का पैदा होने और मर्द के टेवे में लड़की पैदा होने पर औरत किसी न किसी तरह बरबाद ही होगी। औरत का कोई रिश्ते का भाई औलाद पैदा करने या कराने का बहाना होवे। चाल चलन की बदनामी की तोहमत सच्ची या झूठी ज़रूर होगी।
तीनो ग्रह खाना नम्बर 8 में होने के वक्त अगर शादी बुध की उम्र में हो तो तीन साल के अन्दर-अन्दर औरत की मौत दिन के वक्त बरसरे बाज़ार हादसा में होगी। तीनों खाना नम्बर 3 और सनीश्चर खाना नम्बर 12 के वक्त मकान की तह ज़मीन में बादाम दबा देना, औलाद की पैदायश में बरकत देगा। तीनो खाना नम्बर 9 के वक्त फक़ीर को रोटी देना मददगार होगी। तीनों खाना नम्बर 10 के वक्त साली का रिश्ता अपने ही परिवार मेें होना गैर मुबारक होगा।
आमतौर पर हाथ में खालिस चांदी का छल्ला निहायत मददगार होगा। मन्दी हालत की निशानी घर में निवार के गोल किये हुए बण्डल मुद्दत से बन्द पड़ी होगी, जिसकी मौजूदगी तीनों ग्रहों का मन्दा फल होने का आम सबूत होगा। इसको इस्तेमाल कर लेना या हटा देना ही बेहतर होगा। बवक्त शादी लड़की का दान करने के ठीक बाद तांबे की गागर सालम मूंग से भरकर, जिस तरह लड़की का दान दिया गया, उसी तरह तांबे की गागर का संकल्प कर दिया जाये और बाद में उसे दिन के वक्त किसी नदी या दरिया में बहा दिया जावे। ऐसी ग्रह चाल के वक्त चाहे किसी भी घर में हो, यह उपाय मददगार होगा। सूरज-शुक्र-बुध मुश्तर्का को समझने के लिए चन्द मिसालें मददगार होंगी।
पहली कुण्डली मंे तीनो ग्रह खाना नम्बर 12 में जहां बुध ज़हरीला है। काम काज के लिए विदेश गये तो औरत ने साथ छोड़ दिया। वापिस आकर घर में गोले तलाश किये गये मगर न मिले। दो साल बाद अचानक गोले मिल गये और हटा दिये गये। अब दूसरी शादी की तैयारी हो रही है। दूसरी कुण्डली में तीनों ग्रह खाना नम्बर 10 में है। शादी हो गई मगर नर औलाद पैदा न हुई और न ही कोई उम्मीद है। बेटियां दो हो गईं। काम काज भी ठीक नही।
तीसरी कुण्डली में तीनों ग्रह खाना नम्बर 5 में है। शादी हो गई और औलाद का कोई अता पता नही है। बस उम्मीद पर वक्त कट रहा है। चैथी कुण्डली एक अमीर कारोबारी आदमी विजय माल्या की है। तीनो ग्रह खाना नम्बर 11 में है। पहली शादी से एक औलाद हुई और फिर तलाक हो गया। दूसरी शादी एक बेवा से कर ली मगर रंगीनिया बढ़ती गई। कामकाज भी चैपट हो गया। अदालत ने उनके खिलाफ वारंट गिरफ्तारी जारी कर दिया। वह भी इंग्लैण्ड भाग गये। अब अदालत ने उनको पी0ओ0 (भगौड़ा) करार दे दिया है।
पांचवी कुण्डली फिल्मी अदाकार दिलीप कुमार की है। शादी हुई भी तो बुढापे में, जिससे एक मुर्दा औलाद पैदा हुई। कुछ साल बाद दूसरी शादी की मगर जल्द ही तलाक हो गया। अब औलाद की क्या उम्मीद होगी। काफी बूढ़े हो गये हैं। छट्टी कुण्डली टाटा ग्रुप के रतन टाटा जी की है। तीनो ग्रह खाना न. 1 में और खाना न. 7 खाली। इनकी शादी नहीं हुई शायद। बच गये।
सातवीं कुण्डली अपने दौर के सुपर स्टार राजेश खन्ना की है जिन्होने 1970 के आस पास फिल्मी दुनिया में तहलका मचा दिया था। तीनों ग्रह खाना न. 7 में। इनकी शादी बाबी यानि डिम्पल से हुई । दो बेटिओं के जन्म के बाद बुध ने सूरज की मदद से शुक्र को खराब कर दिया। लिहाज़ा बाबी छोड़ कर चली गई। फिर कैरियर भी खत्म हो गया। आसमान से ज़मीन पर आ गिरे। ’’ज़माने ने मारे जवां कैसे कैसे, ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे ’’।
आठवीं कुण्डली एक जाने माने ज्योतिषी की है। शादी हुई, औलाद भी हुई मगर औरत का साथ लम्बा न चला। 15-16 साल हो गये दूसरी औरत की तलाश आज भी जारी है। उपाय कर लेना ही बेहतर होगा। शायद कोई बात बन ही जाये। शादी का लड्डू सब खाते हैं। कई बार लड्डू मीठा नही निकलता। समझदार के लिए इशारा ही काफी और नकलचीन से बस मुआफी।
तीनो ग्रह खाना नम्बर 8 में होने के वक्त अगर शादी बुध की उम्र में हो तो तीन साल के अन्दर-अन्दर औरत की मौत दिन के वक्त बरसरे बाज़ार हादसा में होगी। तीनों खाना नम्बर 3 और सनीश्चर खाना नम्बर 12 के वक्त मकान की तह ज़मीन में बादाम दबा देना, औलाद की पैदायश में बरकत देगा। तीनो खाना नम्बर 9 के वक्त फक़ीर को रोटी देना मददगार होगी। तीनों खाना नम्बर 10 के वक्त साली का रिश्ता अपने ही परिवार मेें होना गैर मुबारक होगा।
आमतौर पर हाथ में खालिस चांदी का छल्ला निहायत मददगार होगा। मन्दी हालत की निशानी घर में निवार के गोल किये हुए बण्डल मुद्दत से बन्द पड़ी होगी, जिसकी मौजूदगी तीनों ग्रहों का मन्दा फल होने का आम सबूत होगा। इसको इस्तेमाल कर लेना या हटा देना ही बेहतर होगा। बवक्त शादी लड़की का दान करने के ठीक बाद तांबे की गागर सालम मूंग से भरकर, जिस तरह लड़की का दान दिया गया, उसी तरह तांबे की गागर का संकल्प कर दिया जाये और बाद में उसे दिन के वक्त किसी नदी या दरिया में बहा दिया जावे। ऐसी ग्रह चाल के वक्त चाहे किसी भी घर में हो, यह उपाय मददगार होगा। सूरज-शुक्र-बुध मुश्तर्का को समझने के लिए चन्द मिसालें मददगार होंगी।
पहली कुण्डली मंे तीनो ग्रह खाना नम्बर 12 में जहां बुध ज़हरीला है। काम काज के लिए विदेश गये तो औरत ने साथ छोड़ दिया। वापिस आकर घर में गोले तलाश किये गये मगर न मिले। दो साल बाद अचानक गोले मिल गये और हटा दिये गये। अब दूसरी शादी की तैयारी हो रही है। दूसरी कुण्डली में तीनों ग्रह खाना नम्बर 10 में है। शादी हो गई मगर नर औलाद पैदा न हुई और न ही कोई उम्मीद है। बेटियां दो हो गईं। काम काज भी ठीक नही।
पांचवी कुण्डली फिल्मी अदाकार दिलीप कुमार की है। शादी हुई भी तो बुढापे में, जिससे एक मुर्दा औलाद पैदा हुई। कुछ साल बाद दूसरी शादी की मगर जल्द ही तलाक हो गया। अब औलाद की क्या उम्मीद होगी। काफी बूढ़े हो गये हैं। छट्टी कुण्डली टाटा ग्रुप के रतन टाटा जी की है। तीनो ग्रह खाना न. 1 में और खाना न. 7 खाली। इनकी शादी नहीं हुई शायद। बच गये।
सातवीं कुण्डली अपने दौर के सुपर स्टार राजेश खन्ना की है जिन्होने 1970 के आस पास फिल्मी दुनिया में तहलका मचा दिया था। तीनों ग्रह खाना न. 7 में। इनकी शादी बाबी यानि डिम्पल से हुई । दो बेटिओं के जन्म के बाद बुध ने सूरज की मदद से शुक्र को खराब कर दिया। लिहाज़ा बाबी छोड़ कर चली गई। फिर कैरियर भी खत्म हो गया। आसमान से ज़मीन पर आ गिरे। ’’ज़माने ने मारे जवां कैसे कैसे, ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे ’’।
आठवीं कुण्डली एक जाने माने ज्योतिषी की है। शादी हुई, औलाद भी हुई मगर औरत का साथ लम्बा न चला। 15-16 साल हो गये दूसरी औरत की तलाश आज भी जारी है। उपाय कर लेना ही बेहतर होगा। शायद कोई बात बन ही जाये। शादी का लड्डू सब खाते हैं। कई बार लड्डू मीठा नही निकलता। समझदार के लिए इशारा ही काफी और नकलचीन से बस मुआफी।
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