"पहाड़ शनि मैदान चन्द्र का, कोहसार समन्द्र बनता हो,
एक भला तो दूसरा मन्दा, मौत बहाने घड़ता हो।’’
दोनों मुश्तर्का में अन्धा घोड़ा या दरिया में बहता हुआ मकान, एक भला तो दूसरा मन्दा होगा। इस तरह दोनों का फल ख़राब होगा। दोनों 44 सालां उम्र तक मुश्तर्का होंगे और मस्नूई नीच केतु का असर होगा। जहां सनीचर का असर उम्दा होगा, उसमें 1/3 चन्द्र का मन्दा फल होगा। जहां चन्द्र उम्दा होगा वहां सनीचर का बुरा असर साथ होगा। दूध में ज़हर, माली हालत के लिये खाना नम्बर 10 का फल लेंगे। ख्वाह दोनो किसी भी घर में इकट्ठे बैठे हों।इन्सानी दिल (चन्द्र) औरत की शरारती आंख की लहर या इशारा और गेसू, सनीचर के कामों से ही मौत ढूंढता फिरे। इश्क बाइसे तबाही होगा। उसका धन औरत खानदान (ससुराल) या दूसरे यार दोस्त और गैर हकीकी भाई बन्दो के काम आवे।
जब कभी चन्द्र के दुश्मन ग्रह तख्त पर आवें चोरी या धन हानि होगी। सनीचर के काम, रिश्तेदार या अशिया मुताल्लिका सनीचर दुख का सबब होंगे। स्याह मुंह बदनाम करने वाली माया होगी यानि उसका खालिस चांदी का रूपया हर तरह से खोटा और स्याह, बदनामी की वजह होगा। उसके ठण्डे मीठे पानी के कुंए में काली स्याह ज़हर मिली हुई होगी। सनीचर के मकान आराम देने के बजाये दुख का बहाना होंगे। सनीचर की उदासी और वैराग दिल को शान्ति देने की बजाये उल्टा उसको जलाते होंगे। अगर चन्द्र उम्दा धन तो सनीचर ऐसा मन्दा ख़जानची होगा जो ज़रूरत के वक्त मालिक को रूपया निकालने न देगा या ऐसे टेवे वाले की अपनी कमाई अपने काम न आयेगी। स्याह मुंह बदनाम करने वाली माया का मालिक होगा। सनीचर या चन्द्र की दो रंगी अशिया बृहस्पत और केतु के जानदार और बेजान चीज़ों का फल मन्दा करेगी।
ऐसी हालत में सांप को दूध पिलाना मुबारक होगा। चन्द्र ग्रहण के वक्त सनीचर की अशिया चलते पानी, नदी या दरिया में बहाना मददगार होगा। दोनो ग्रहों की बाहमी मन्दी हालत, राहु के बचाव के लिए सूरज का उपाओ मददगार होगा। मगर कुण्डली के बाकी ग्रहों को भी देख लेना बेहतर होगा। मिसाल के तौर पर एक आदमी की कुण्डली जो दिलचस्पी का सबब होगी।
चन्द्र शनि मुश्तर्का खाना नम्बर 1 मस्नुई केतु बना मगर नीच। कुण्डली वाले का जद्दी मकान को लेकर परिवार में झगड़ा हुआ और अदालत तक पहुंचा। फिर घर को तोड़ फोड़ कर दोबारा बनाना पड़ा। घर में एक बार चोरी भी हुई। बेटा पैदा होने के बाद रीढ़ की हड्डी की तकलीफ शुरू हुई। लिहाज़ा बिस्तर पर आ गये और साल बाद आप्रेशन करवाना पड़ा। बेटा भी ठीक नही केतु नीच का असर। इसलिए उसकी पढ़ाई लिखाई न हो सकी। उसको सहारे की ज़रूरत है। अब वह बड़ा हो गया है और कुण्डली वाला बूढ़ा हो गया। चन्द्र शनि मुश्तर्का का मन्दा असर साफ ज़ाहिर है। समझदार के लिए इशारा ही काफी और नकलचीन से बस माफी।
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