Saturday, June 7, 2014

यकसां कुण्डलियां

पिछले महीने ’’गुरू अस्थान’’ में कुण्डली के खाना नं0 11 की बात हुई। इस खाने के ग्रहों की बे-एतबारी की हालत का भी जि़कर हुआ। अब बात को आगे बढ़ाते हुये मिसाल के तौर पर दो यकसां कुण्डलियां पेश  है, जिनके खाना नं0 11 में ग्रह बैठे हैं। इतफाक से ग्रह भी मिलते जुलते हैं। बात को समझने के लिए यह एक मददगार मिसाल होगी। समझदार के लिए इशारा ही काफी।

                                                           कु0 1   जन्मः 02-09-1981



                                                        कु0 2  जन्मः 26-10-1981


  
पहली कुण्डली आदमी की और दूसरी कुण्डली औरत की है। दोनों कुण्डलियों के खाना नं0 11 मंे एक जैसे ग्रह बैठे हैं। बस दूसरी कुण्डली में एक ग्रह कम है। या यूं कहो कि पहली कुण्डली के खाना नं0 11 में ग्रहों की पंचायत है। दूसरी कुण्डली में चार ग्रह मुश्तर्का और पांचवा ग्रह शुक्र खाना नं0 1 में है। दोनो कुण्डलियों में केतु खाना नं0 3 और राहु खाना नं0 9 में है। दोनो कुण्डलियों में 9 में से 6 ग्रह एक जैसे बैठे हैं। इसके अलावा दोनों कुण्डलियों के खाना नं0 10 में ग्रह है मगर खाना नं0 2 और 4 खाली हैं। किस्सा कोताह दोनो कुण्डलियां मिलती जुलती हैं ।

अब सवाल यह है कि दोनो की जि़न्दगी पर ग्रहों का क्या असर हुआ ? दोनो का जन्म आम परिवार में हुआ। दोनो कुण्डलियों में डाक्टर बनने का योग। लिहाज़ा जि़न्दगी में दोनो ने मेहनत की और पढ़ लिखकर आलह डाक्टर बने। दोनो इस वक्त लखनऊ के बड़े हस्पताल में काम कर रहे हैं। अब आप ग्रहों का खेल समझ ही गए होंगे। एक और बात, दोनो मियां बीवी हैं। इनकी शादी तकरीबन 4 साल पहले हुई थी। दोनो की कुण्डली में 34 सालां उम्र के बाद 36 साल के आस पास तरक्की का योग है। दोनो का मुस्तकबिल रौशन है। खुदा उम्र दराज़ करे। आमीन !

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