Thursday, February 5, 2015

माता की गोद

’’ ग्रह चैथे के रात को जागे,या जागे वह मुसीबत में।
     मदद कोई न हो जब करता, आ तारे वह बुढ़ापे में ।।’’
कुण्डली के खाना नम्बर 4 को लाल किताब में माता की गोद व पेट का ज़माना कहा गया है। माता का ताल्लुक दिल, दूध, धन-दौलत, कुदरती तौर पर तबीयत का झुकाव, शान्ति सुभाओ, सर्द तर मानिन्द पानी होगा। तहरीर जाती, माता का पेट, जिस्मानी हालत का असर, घोड़ा, दूध वाले चारपाये, आबी या पानी के जानवर, माता का खानदान, मासी फूफी का मकान, खाली तह ज़मीन, धरती माता, समन्दर पार या समन्दर का सफ़र, खुशी, बृहस्पत का धन, हौंसला, रस या फलों के रस , बजाजी कपड़े का काम, रूहानी ताकत मुताल्लिका सूरज, वक्त जवानी, साथ लाई हुई चन्द्र की चीज़ें, धन, मर्दों का ताल्लुक, रूहानी कारोबार, शुमाल मशरिक, बृहस्पत सूरज चन्द्र जैसे हों वैसा ही फल होगा। शुक्र मंगल बद या मंगलीक होंगे। ग्रह का असर मानिन्द रफ्तार केकड़ा होगा। यह सहन है खाना नम्बर 10 का और इस घर का मुन्सिफ सनीचर होगा।
चन्द्र खाना नम्बर 4 का मालिक है। दूध का सफेद चन्द्र, राहु केतु इस घर में पाप छोड़ने का हलफ लिये होते हैं। जिस तरह रात को जागने वाले आंख के होशियार होते हैं, उसी तरह ही इस घर के ग्रह रात को जागने या अपना असर रात को दिया करते हैं। या वह ग्रह आखिरी वक्त जब कोई मददगार न हो, मदद दिया करते हैं। बुढ़ापे में तो खासकर मदद करते हैं।
इस घर में चाहे सनीचर ज़हरीला सांप और मंगल जला हुआ मगर राहु केतु धर्मात्मा ही रहेंगे। या यूं कहो कि चुप होंगे और पाप न करेंगे। चन्द्र बन्द मुट्ठी (खाना नम्बर 1,4,7, 10) से बाहर चाहे रद्दी हो और उस वक्त खाना नम्बर 4 खाली हो तो चन्द्र का नेक असर होगा। नम्बर 4 में कोई भी अकेला ग्रह हो और चन्द्र बन्द मुट्ठी से बाहर मन्दा हो रहा हो तो नम्बर 4 वाला ग्रह नेक असर ही देगा। अपने घर खाना नम्बर 4 में चन्द्र खर्चने पर और बढ़ने वाला आमदन का दरिया होगा। माता के आर्शीवाद से माया की लहर बहर होगी।