Saturday, April 6, 2013

संजय दत्त


खलनायक या मुन्ना भार्इ कुछ भी हो,संजय दत्त सन 1993 के मुम्बर्इ बम धमाको से बच न सका। उससे गैर कानूनी हथियार बरामद हुये थे। संजय के बाप मरहूम सुनील दत्त ने बेटे को बचाने की बहुत कोशिश की थी मगर नाकाम रहे। 13-14 साल मुकददमा चला और पांच साल की कैद हो गर्इ । जिसमें से 18 महीने की कैद संजय पहले ही काट चुका है। इस तरह अब 42 महीने की सज़ा बाकी है। एक तरफ बालीवुड तो दूसरी तरफ जेलखाना। आखिर ऐसा क्यों हुआ ? यह जानने के लिए संजय की कुण्डली का जायज़ा लेना होगा।

दत्त परिवार पर लिखी गर्इ एक किताब के मुताबिक संजय का जन्म 29 जुलार्इ 1959 को शाम के 2 बजकर 45 मिन्ट पर मुम्बर्इ में हुआ था। जिसके मुताबिक उसकी जन्म कुण्डली इस तरह बनी । समझ दार के लिए इशारा ही काफी।





जन्म कुण्डली में अच्छे ग्रह मसलन बृहस्पत, चन्द्र वगैरह और मन्दे ग्रह मसलन बुध, राहु वगैरह का जि़न्दगी पर मिला जुला असर हुआ। बुध खाना नं0 9 में सूरज के साथ, लसूड़े की गिटक की तरह किस्मत का हाल। अच्छे ग्रहों की वजह से अच्छे परिवार में जन्म हुआ । मां बाप अपने दौर के मशहूर फिल्मी अदाकार थे। मगर मन्दे ग्रहों की वजह से मां बाप का साथ लम्बा न चला। मां की मौत बिमारी से हुर्इ। बाप भी बेटे की वजह से परेशान हुआ। संजय भी नशीली गोलियां और गैर कानूनी हथियारों का शिकार हुआ। सरकारी नौकरी तो नही थी मगर सरकारी रोटी जेल में ज़रूर खानी पड़ी। दर असल परेशानी राहु की उम्र 21-22 साल से शुरू हो गर्इ थी। जब बुध की उम्र 34-35 साल आर्इ तो बात पुलिस, अदालत और जेल तक जा पहुंची। वर्षफल साल 35 में जन्म कुण्डली के खाना नं0 9 का बुध खाना नं0 9 में और खाना नं0 11 का राहु खाना नं0 11 में । नतीजा सन 1994 में संजय को जेल में जाना पड़ा।

खाना नं0 5 और 10 के ग्रहों की टक्कर । शादी कर्इ बार हुर्इ। पहली औरत बिमारी से गुज़र गर्इ। दूसरी से तलाक हुआ और अब तीसरी है। दवार्इयों से ताल्लुक बना। पहले मां दवा खाती थी। फिर खुद दवा खाने लगा। बाद में पत्नी ने दवा खार्इ। खाना नं0 2 का शनि खाना न0 10 के शुक्र को मदद दे रहा है। अच्छे ग्रहों की वजह से फिल्मों में कामयाबी मिली। एक तरफ मन्दा हुआ तो दूसरी तरफ अच्छा भी हुआ।

जन्म कुण्डली में केतु खाना नं0 5 और सूरज बुध खाना नं0 9 में है। इस साल वर्षफल में केतु खाना नं0 4 और सूरज बुध खाना नं0 10 में । लिहाज़ा अदालत ने कैद की सज़ा सुना दी। मगर मंगल खाना नं0 12 से दुनियावी और बृहस्पत खाना नं0 8 से खुदार्इ मदद दे रहा है। जिनसे राहत की उम्मीद की जा सकती है।